menu-icon
India Daily
share--v1

मणिपुर में असम राइफल्स ने फायरिंग कर 6 जवानों को किया घायल, फिर खुद को मारी गोली

मणिपुर पिछले साल मई में मैतेई (जो इंफाल घाटी में बहुसंख्यक है) और कुकी (जो कुछ पहाड़ी जिलों में प्रभावी हैं) समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़की थी. हिंसा में कम से कम 207 लोगों की जान गई है और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं.

auth-image
Om Pratap
Assam Rifles jawan opens fire at colleagues in Manipur

हाइलाइट्स

  • फायरिंग करने वाले जवान ने अस्पताल में तोड़ा दम
  • फायरिंग के मकसद की तलाश में जुटी असम राइफल्स

Assam Rifles jawan opens fire at colleagues in Manipur: मणिपुर में तैनात असम राइफल्स के एक जवान ने कथित तौर पर खुद को गोली मारने से पहले अपने छह सहकर्मियों पर फायरिंग कर उन्हें घायल कर दिया. घटना के सामने आने के बाद असम राइफल्स का भी बयान सामने आया. असम राइफल्स की ओर से कहा गया है कि इस घटना का राज्य में चल रहे जातीय संघर्ष से कोई संबंध नहीं है.

गोलीबारी में घायल सभी जवान अस्पताल में भर्ती, स्थिति गंभीर

सूत्रों के अनुसार, घटना बुधवार की सुबह उस वक्त हुई जब कर्मी छुट्टी के बाद चुराचांदपुर स्थित अपने घर लौटा था. घटना भारत-म्यांमार के पास दक्षिण मणिपुर की है. जानकारी के मुताबिक, असम राइफल्स बटालियन के जवान ने साथियों पर फायरिंग के बाद खुद को भी उसी राइफल से गोली मार ली. घटना के बाद फायरिंग करने वाले घायल कर्मियों को सैन्य अस्पताल ले जाया गया है, जहां उसकी मौत हो गई.

फायरिंग में घायल सभी जवान गैर मणिपुरी

आईजी असम राइफल्स (दक्षिण) के पीआरओ के एक बयान में कहा गया है कि सभी घायल गैर-मणिपुरी हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष के मद्देनजर, किसी भी संभावित अफवाहों को दूर करने और किसी भी अटकल से बचने के लिए घटना का विवरण पारदर्शी रूप से शेयर करना जरूरी है. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को चल रहे संघर्ष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ध्यान देने वाली बात ये है कि घटना में घायल सभी जवान मणिपुर के बाहर के रहने वाले हैं. वहीं घायलों जवानों में से कोई भी मणिपुर का रहने वाला नहीं है. 

गोलीबारी का मकसद की पड़ताल जारी

गोलीबारी के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं है, फिलहाल इस संबंध में जांच पड़ताल जारी है. बता दें कि मणिपुर पिछले साल मई में मैतेई (जो इंफाल घाटी में बहुसंख्यक है) और कुकी (जो कुछ पहाड़ी जिलों में प्रभावी हैं) समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़की थी. हिंसा में कम से कम 207 लोगों की जान गई है और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं.