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ED के खिलाफ याचिका रद्द होने के बाद केजरीवाल ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, जानें जेल से बाहर क्या मैसेज भेजा

CM Arvind Kejriwal Message: ED के खिलाफ सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका रद्द किए जाने के बाद तिहाड़ जेल में बंद सीएम केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के जरिए दो संदेश भेजे हैं.

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Arvind Kejriwal Message: आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह इस तानाशाह सरकार के सभी अत्याचार को सहने के लिए तैयार हैं. सीएम केजरीवाल का यह संदेश दिल्ली सरकार के मंत्री मंत्री गोपाल राय ने दिया है.

गोपाल राय ने दिल्ली सीएम आवास पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, संजय सिंह, संदीप पाठक, सौरभ भारद्वाज समेत पार्टी के अन्य नेताओं के साथ अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की थी. इसी दौरान सुनीता केजरीवाल ने उन्हें अरविंद केजरीवाल का संदेश सुनाया था.

केजरीवाल ने संदेश भेजे हैं- गोपाल राय

दिल्ली सरकार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, सांसद संजय सिंह, संदीप पाठक, सौरभ भारद्वाज और मैं सुनीता केजरीवाल से मिलने आए थे. अरविंद केजरीवाल ने जेल से अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के माध्यम से हमारे लिए दो संदेश भेजे हैं.

जेल से सीएम केजरीवाल ने दिए दो संदेश

गोपाल राय ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल का पहला संदेश यह है कि पार्टी और सरकार यह सुनिश्चित करें कि सरकारी सेवाएं जारी रहे ताकि दिल्ली के लोगों को कोई समस्या न हो. उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल का दूसरा संदेश है कि वह इस तानाशाह सरकार की सभी बाधाओं और अत्याचारों को सहन करने के लिए तैयार हैं लेकिन आज सबसे महत्वपूर्ण बात संविधान को बचाना है. राय ने कहा कि सीएम केजरीवाल का कहना है कि 14 अप्रैल को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती को पार्टी संविधान बचाओ तानाशाही हटाओ दिवस के रूप में मनाए.

ED के खिलाफ दायर याचिका को कोर्ट ने किया रद्द

गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका को रद्द कर दिया था जिसमें ईडी की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ ईडी ने पास सबूत है और सबूतों के आधार पर ही केजरीवाल की गिरफ्तार हुई थी. याचिका रद्द होने के बाद आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह फैसले से संतुष्ट नहीं है इसलिए सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी जाएगी.