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BJP और कांग्रेस में क्या है अंतर? अमित शाह के नंबर गेम से समझिए

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी 30 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र से बराबरी करना चाहती है, जबकि वह परीक्षा पास नहीं कर पाती. महाराष्ट्र में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को समझने के लिए इस उदाहरण का उपयोग किया.

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Edited By: India Daily Live
Amit Shah
Courtesy: Social Media

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस 30 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र से बराबरी करना चाहती है लेकिन वह परीक्षा पास नहीं कर पाती. केंद्रीय मंत्री महाराष्ट्र में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर किसी को 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को समझना है तो वे इस उदाहरण को देख सकते हैं.  दो छात्र हैं.  एक पढ़ाई में अच्छा है और हर परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक लाता है.  वहीं दूसरा छात्र 20 से 25 अंक लाता था लेकिन एक परीक्षा में 90 से 95 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र को 80 प्रतिशत अंक मिले और 20 अंक लाने वाले को 30 अंक मिले. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव की घोषणा की जाएगी.

उन्होंने कहा कि लेकिन हकीकत यह है कि 30 अंक लाने वाला छात्र अभी भी परीक्षा पास नहीं कर पाया है. भाजपा और कांग्रेस में यही अंतर है. शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस नेता ने अमेरिका में कहा कि भारत ने काफी विकास कर लिया है और अब उसे आरक्षण की जरूरत नहीं है. शाह ने कहा कि लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं होने देगी. 

बीजेपी अन्य राजनीतिक दलों से अलग

विदर्भ और मराठवाड़ा संभाग के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा बाकी राजनीतिक दलों से अलग है. उन्होंने कहा कि जब चुनाव होता है तो अन्य पार्टियां रैलियां, रोड शो और प्रेस कॉन्फ्रेंस करती हैं लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करती है और चुनाव की योजना बनाती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कार्यकर्ता पार्टी की जीत की नींव रखते हैं.

कार्यकर्ता ही उर्जा के केंद्र 

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा की कार्य संस्कृति पंडित दीन दयाल उपाध्याय द्वारा गढ़ी गई है.  उन्होंने कहा कि बूथ कार्यकर्ता ही केंद्र बिंदु हैं. वे महाराष्ट्र से दिल्ली तक भाजपा की ऊर्जा के वाहक हैं. हमने कभी मंत्री और मुख्यमंत्री बनने का लक्ष्य नहीं रखा बल्कि देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को जगाने, भारत को समृद्ध राष्ट्र बनाने और एक सुरक्षित और सक्षम राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि किसानों से मिलें और उन्हें मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई किसान कल्याण से संबंधित सभी योजनाओं के बारे में बताएं.