Indus Water Treaty: ‘सिंधु नदी का पानी दिल्ली की तरफ मोड़ा जाएगा…’ जल संकट के बीच केंद्रीय मंत्री खट्टर का बयान
Indus Water Treaty: भारत को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद जो अतिरिक्त पानी मिल रहा है, वह अगले 1 से 1.5 साल में दिल्ली और आसपास के राज्यों की तरफ मोड़ा जा सकता है.
Indus Water Treaty: भारत को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद जो अतिरिक्त पानी मिल रहा है, वह अगले 1 से 1.5 साल में दिल्ली और आसपास के राज्यों की तरफ मोड़ा जा सकता है. यह पीने के पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दी.
खट्टर ने दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में पानी की कमी को दूर करने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं उनकी बात की. खट्टर शहर में बाढ़ और जलभराव की समस्या से निटपने के लिए एक ड्रेनेज मास्टर प्लान का उद्घाटन भी कर रहे थे.
क्या है मनोहर लाल खट्टर का कहना:
खट्टर ने कहा, "हम कह सकते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर इन राज्यों के पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक वरदान साबित हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब यह घोषणा की कि सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया जाएगा, तो अब हमारे पास काफी पानी है जो पहले पाकिस्तान को भेजा जाता था. हम कोशिश कर रहे हैं कि अगले 1 से 1.5 साल में यह पानी दिल्ली, यूपी, हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों में भेजा जा सके." हालांकि, खट्टर ने यह नहीं बताया कि पानी को दिल्ली में कैसे पहुंचाया जाएगा.
1960 में हुआ था सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर:
भारत और पाकिस्तान ने 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के अनुसार, पाकिस्तान को 80% पानी मिलता था, जबकि भारत को 20% पानी दिया जाता था. इसमें 6 नदियां शामिल हैं, जिसमें सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज हैं. इनमें से दो नदियां सिंधु और सतलुज हैं जो चीन से उत्पन्न होती हैं. जबकि बाकी चार नदियां भारत से होती हुई पाकिस्तान जाती हैं.
इसके अलावा, खट्टर ने यह भी बताया था कि केंद्र सरकार एक नई परियोजना रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिससे दिल्ली के पानी की सप्लाई बढ़ाई जा सके. इसके तहत हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सीमा के पास हथिनीकुंड बैराज के पास एक नया बामध बनाने की योजना बनाई जा रही है.
उन्होंने कहा कि "हथनिकुंड बैरेज एक बांध नहीं है और यह बड़ी मात्रा में पानी को इक्ट्ठा नहीं कर सकता. अगर पास में एक बांध बनेगा, तो यह बिजली उत्पादन में मदद करेगा. साथ ही दिल्ली और अन्य राज्यों को 2-3 महीने तक अतिरिक्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा."
खट्टर ने यह भी बताया कि पानी की आपूर्ति को और बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तीन नए बांध बनाने पर काम कर रही है. इन बाँधों से दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान को पानी मिलेगा.