Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा में आतंकवाद के खतरे के बावजूद श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह, कड़ी सुरक्षा के बीच पहला जत्था रवाना
Amarnath Yatra: जम्मू के भगवती नगर से अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रवाना किया. 5,892 श्रद्धालु 310 वाहनों में सवार होकर बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकले. आतंकी खतरे के बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है.
Amarnath Yatra: जम्मू-कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ. श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया, और ‘बम-बम भोले’ व ‘हर-हर महादेव’ के जयघोषों के साथ यात्रा का पहला जत्था भगवती नगर स्थित यात्री निवास बेस कैंप से रवाना हुआ. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद हरी झंडी दिखाकर पहले जत्थे को रवाना किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यात्रा की शुरुआत ऐसे समय में हुई है जब कश्मीर घाटी में सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी हुई है. बावजूद इसके, श्रद्धालुओं का हौसला कम नहीं हुआ. बुधवार को कुल 5,892 तीर्थयात्री 310 वाहनों के काफिले में अमरनाथ के पवित्र गुफा मंदिर की ओर रवाना हुए. इन तीर्थयात्रियों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के हथियारों से लैस वाहनों की निगरानी में भेजा गया. प्रत्येक वाहन पर स्वचालित हथियार लगे हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे का तुरंत जवाब दिया जा सके.
सुरक्षा बलों की भारी तैनाती
इस साल यात्रा के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं. सड़क मार्ग पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है, साथ ही यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए जगह-जगह सुरक्षा चौकियां और मेडिकल कैंप भी स्थापित किए गए हैं. अमरनाथ यात्रा का मार्ग पहलगाम और बालटाल दो रास्तों से होकर गुजरता है इसलिए रास्तों पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है.
यात्रियों से सतर्कता बरतने की अपील
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा, “अमरनाथ यात्रा हमारे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. हम सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” उन्होंने आम जनता से भी सहयोग और सतर्कता बरतने की भी अपील की.
आतंकी खतरे की आशंका
इस बार यात्रा 62 दिनों तक चलेगी और श्रावण पूर्णिमा के दिन, यानी 9 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर इसका समापन होगा. इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं के अमरनाथ गुफा तक पहुंचने की संभावना है. आतंकी खतरे की आशंका के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं देखी गई. कई श्रद्धालु वर्षों से इस यात्रा का इंतज़ार कर रहे थे और अब वे भोलेनाथ के दर्शन को लेकर अत्यंत उत्साहित हैं.
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