सोलापुर में अवैध मुरम खनन पर कार्रवाई कर रही महिला पुलिस अधिकारी और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच बातचीत का वीडियो वायरल होने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है.
विपक्ष जहां पवार पर पुलिस को धमकाने और खनन माफियाओं को बचाने का आरोप लगा रहा है, वहीं पवार ने दावा किया कि उनका इरादा केवल मौके पर स्थिति को शांत करने का था.
सोलापुर जिले के कर्माला इलाके में सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी अंजना कृष्णा अवैध मुरम खनन पर कार्रवाई कर रही थीं. इसी दौरान एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें फोन पकड़ाकर अजित पवार से बात करने को कहा. वीडियो में पवार को कहते सुना गया 'मैं तेरे ऊपर एक्शन लूंगा… तू मुझे देखना चाहती है तो नंबर दे या व्हाट्सऐप कॉल कर.' इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉल कर कार्रवाई रोकने की बात कही. यह वीडियो वायरल होते ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया.
🚨Not sure how NCP and Ajit Pawar will recover from this!
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) September 5, 2025
What a shame. Bullying a lady officer, trying to stop her from doing her duty
Full marks to IPS officer Anjana Krishna for staying calm under pressure… and an even bigger salute for her courage in cracking down on… pic.twitter.com/zWY4tpZ2PG
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता सांसद संजय राउत ने अजित पवार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे एक आईपीएस अधिकारी को धमका रहे हैं और अपनी ही पार्टी के चोरों को बचा रहे हैं. राउत ने आरोप लगाया कि अवैध मुरम खनन से राज्य की राजस्व को भारी नुकसान होता है और खुद वित्त मंत्री होने के बावजूद पवार इस पर आंखें मूंदे हुए हैं.
विवाद बढ़ता देख अजित पवार ने सोशल मीडिया पर सफाई दी. उन्होंने लिखा कि उनका उद्देश्य पुलिस की कार्रवाई में हस्तक्षेप करना नहीं था बल्कि स्थिति को शांत रखना था ताकि कोई टकराव न हो. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पुलिस बल और विशेषकर महिला अधिकारियों पर गर्व है और वे पूरी पारदर्शिता के साथ अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पवार के करीबी और एनसीपी सांसद सुनील टटकरे ने भी कहा कि अजित पवार का मकसद केवल कार्यकर्ताओं को शांत करना था.
सोलापूर जिल्ह्यातील पोलीस अधिकाऱ्यांसोबतच्या संवादाच्या संदर्भात काही व्हिडिओ समाजमाध्यमांवर प्रसारित होत आहेत. मी स्पष्टपणे सांगू इच्छितो की, माझा उद्देश कायद्याच्या अंमलबजावणीमध्ये हस्तक्षेप करण्याचा नव्हता, तर त्या ठिकाणी परिस्थिती शांत रहावी आणि ती अधिक बिघडू नये याची काळजी…
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) September 5, 2025
इस पूरे मामले में अजित पवार को अपने भतीजे और शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार का भी समर्थन मिला. रोहित ने कहा कि अजीत दादा का सीधा-सपाट बोलने का तरीका अक्सर गलत समझ लिया जाता है. उन्होंने चेतावनी दी कि उनके सहयोगी दल ही जानबूझकर इस विवाद को हवा दे रहे हैं ताकि उन्हें फंसाया जा सके. रोहित ने यह भी कहा कि असली मुद्दे जैसे किसानों का कर्ज माफ और बारिश से हुए नुकसान पर ध्यान देने की बजाय यह विवाद ज्यादा उछाला जा रहा है.