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India Daily

अकेला नहीं एयर इंडिया सीट नंबर 11A का यात्री, जिसने मौत को दी मात, जानें खौफनाक विमान हादसों में जिंदा बचे लोगों की कहानी

ऐसी दुर्घटनाओं में, 242 लोगों को लेकर अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा एयर इंडिया का विमान, जो गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया, सबसे अधिक मौतों के साथ सबसे आगे है.

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Edited By: Mayank Tiwari
 एयर इंडिया के विमान के अवशेष
Courtesy: Social Media

अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत की पुष्टि हुई है. इस भयानक हादसे में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति ने चमत्कारिक रूप से मलबे से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इतिहास में ऐसे कई हादसे दर्ज हैं, जहां बड़े विमान हादसों में केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा. पिछले 80 सालों में लगभग दो दर्जन ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां 50 या अधिक लोगों की मौत हुई, लेकिन एक व्यक्ति ने असंभव को संभव कर दिखाया.

अहमदाबाद-लंदन उड़ान में त्रासदी

गुरुवार (12 जून) को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की उड़ान, जिसमें 242 लोग सवार थे, टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. यह हादसा अब तक के सबसे घातक हादसों में से एक है, जिसमें केवल एक 38 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक, जो भारतीय मूल का है, जीवित बचा. अधिकारियों ने बताया कि शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण किए जा रहे हैं.

एयर इंडिया ने शुक्रवार सुबह एक्स पर पोस्ट किया, “विमान टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हमें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो चुकी है. एकमात्र जीवित व्यक्ति का अस्पताल में इलाज चल रहा है.”

इतिहास के अन्य एकमात्र जीवित बचे लोग

ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं. अगस्त 1987 में, डेट्रॉइट मेट्रोपॉलिटन हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद एक मैकडॉनेल डगलस MD-82 विमान पायलट की गलती के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उसमें सवार 149 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों में से केवल 4 वर्षीय सेसिलिया सिचन जीवित बचीं. उन्हें गंभीर जलन और कई फ्रैक्चर हुए थे.

2013 में, सीएनएन ने ‘सोल सर्वाइवर’ नामक एक डॉक्यूमेंट्री जारी की, जिसमें सेसिलिया और तीन अन्य एकमात्र जीवित बचे लोगों की कहानियां दिखाई गईं. इनमें 12 वर्षीय बाहिया बकारी थीं, जो 2009 में येमेनिया एयरवेज के हादसे में बची थीं, जिसमें 152 लोग मारे गए थे. बाहिया को स्थानीय मछुआरों और बचाव दल ने समुद्र में मलबे से चिपके हुए पाया था.

इसी तरह, 1985 में 17 वर्षीय जॉर्ज लैमसन जूनियर एक लॉकहीड L-188 इलेक्ट्रा हादसे में बचे, जिसमें 70 लोग मारे गए थे. हादसे के दौरान उनकी सीट विमान से अलग होकर हाईवे पर जा गिरी थी. 2006 में केंटकी में एक बॉम्बार्डियर CRJ100 के हादसे में फर्स्ट ऑफिसर जेम्स पोलेहिन्के एकमात्र जीवित बचे, जिसमें 49 लोग मारे गए थे.

हाल के अन्य हादसे

मार्च 2018 में, क्यूबा की क्यूबाना डे एविएसिओन उड़ान हवाना के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 112 लोग मारे गए. चार लोग शुरू में जीवित मिले, लेकिन तीन की बाद में अस्पताल में मौत हो गई. एकमात्र जीवित व्यक्ति को गंभीर चोटें आई थीं और मई 2019 में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली.

सैन्य विमान हादसों में भी एकमात्र बचे

सैन्य विमानों में भी ऐसे मामले देखे गए हैं. जहां साल 1991 में, इंडोनेशियाई वायु सेना का लॉकहीड C-130 हरक्यूलिस जकार्ता में इंजन में आग लगने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 134 लोग मारे गए. केवल एक व्यक्ति जीवित बचा. 2014 में, अल्जीरियाई वायु सेना का एक C-130 हरक्यूलिस पहाड़ से टकरा गया, जिसमें 77 लोग मारे गए. एकमात्र जीवित व्यक्ति को सिर में चोटें आई थीं.

सबसे पुराना दर्ज हादसा

1959 में, अर्जेंटीना में एक कर्टिस C-46 कमांडो विमान लैंडिंग के दौरान असफल होने पर तट से एक किलोमीटर दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में 51 लोग मारे गए, लेकिन एक व्यक्ति तैरकर किनारे तक पहुंच गया.