menu-icon
India Daily

Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की आर्थिक नब्ज पर भारत का वार, वैश्विक फंडिंग में कटौती की कोशिश; लग सकता है बड़ा झटका

Pahalgam Attack: भारत पाकिस्तान के खिलाफ अपनी रणनीतियों को और मजबूत कर रहा है. उसने आईएमएफ जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आतंकवाद के समर्थन के आरोप में वित्तीय सहायता की समीक्षा करने का अनुरोध किया है.

auth-image
Edited By: Ritu Sharma
india pakishtan tension
Courtesy: Social Media

Pahalgam Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आक्रामक रुख अपनाने का निर्णय लिया है. भारत सरकार ने आईएमएफ विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं से पाकिस्तान को मिलने वाले फंड्स की समीक्षा की मांग की है.

बता दें कि नई दिल्ली खासतौर पर आईएमएफ से आग्रह करने जा रही है कि वह पाकिस्तान को हाल में दिए गए 1.3 बिलियन डॉलर के जलवायु लचीलापन ऋण समेत अन्य फंडिंग का रीवालुअशन करे. इसके साथ ही भारत, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से भी पाकिस्तान को फिर से 'ग्रे लिस्ट' में डालने की अपील करेगा.

आतंकवाद को लेकर कड़ी चेतावनी

इसको लेकर भारत का मानना है कि पाकिस्तान अब भी आतंकवादी संगठनों को पनाह और मदद दे रहा है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा है. ORF की सौम्या भौमिक ने अपने पेपर में कहा, ''आईएमएफ को 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए... आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के समर्थन को संबोधित करने वाली कठोर शर्तों के बिना वित्तीय सहायता जारी रखना आर्थिक स्थिरता और सुधार के मूल उद्देश्यों को कमजोर करने का जोखिम उठाता है.'' 

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है गहरा असर

बताते चले कि यदि भारत का यह प्रयास सफल होता है, तो पाकिस्तान की पहले से ही डगमगाती अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है. पिछले साल पाकिस्तान ने आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल किया था, और मार्च 2025 में उसे 1.3 बिलियन डॉलर का क्लाइमेट लोन भी मिला था. इसके अलावा जनवरी में विश्व बैंक ने भी पाकिस्तान के लिए 20 बिलियन डॉलर का पैकेज स्वीकृत किया था.

कमजोर पड़ता जा रहा है पाकिस्तान का कूटनीतिक आधार

इसके अलावा, सूत्रों की मानें तो भारत ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अगर वे आतंकवाद के मुद्दे को नजरअंदाज कर पाकिस्तान की मदद करती रहीं, तो इससे क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ेगी. यही वजह है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में पाकिस्तान के समर्थन पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है.