बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति पर पहली बार बोले अधीर रंजन चौधरी, जानें क्या कहा?
Adhir Ranjan Chowdhury: वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को शुभंकर सरकार को पश्चिम बंगाल कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त करने के पार्टी के फैसले पर अपनी कोई आपत्ति नहीं जताई. उन्होंने कहा कि कोई भी अध्यक्ष बन सकता है. पार्टी हाईकमान को राज्य पार्टी अध्यक्ष चुनने का अधिकार है और अगर उन्होंने किसी को चुना है तो इसमें कोई दिक्कत क्यों होगी?
Adhir Ranjan Chowdhury: वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को कहा कि उन्हें शुभंकर सरकार को पश्चिम बंगाल इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त करने के पार्टी के फैसले पर कोई आपत्ति नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे नियुक्ति पर कुछ कहना चाहेंगेतो चौधरी ने कहा कि मैं कुछ नहीं कहना चाहता. कोई भी अध्यक्ष बन सकता है. पार्टी हाईकमान को राज्य पार्टी अध्यक्ष चुनने का अधिकार है. अगर पार्टी हाईकमान ने कोई पार्टी अध्यक्ष चुना है, तो इसमें कोई दिक्कत क्यों होती? मुझे कोई आपत्ति नहीं है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव और पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी शुभंकर सरकार, अनुभवी नेता चौधरी की जगह लेंगे जिन्होंने पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के रूप में काम किया है. 2024 के लोकसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के उम्मीदवार यूसुफ पठान से अपनी गृह सीट बहरामपुर हार गए थे. एक आधिकारिक बयान में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस नेतृत्व ने चौधरी के योगदान की सराहना की और तत्काल प्रभाव से शुभंकर सरकार की नियुक्ति की पुष्टि की.
नियुक्ति पर शुभंकर सरकार ने क्या कहा?
नये राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपने पहले बयान में शुभंकर सरकार ने पार्टी के पुनर्निर्माण के महत्व पर बल दिया.उन्होंने कहा कि एक अध्यक्ष के तौर पर मेरी पहली प्राथमिकता निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के लोगों से बात करना है. मेरी प्राथमिकता कांग्रेस को नया रूप देना, पुनर्निर्माण करना और मजबूत करना है. राज्य कांग्रेस बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा के अनुसार काम करेगी.
निराशाजनक प्रदर्शन के बाद दिया था इस्तीफा
राज्य स्तर पर टीएमसी के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों के लिए जाने जाने वाले चौधरी ने हाल के संसदीय चुनावों में पश्चिम बंगाल में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. नए अध्यक्ष की नियुक्ति राज्य के नेताओं से मिली प्रतिक्रिया के बाद की गई है. शुभंकर सरकार के सामने अब राज्य में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की चुनौती है, जहां हाल के वर्षों में वह लगातार तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों अपनी जमीन खोती जा रही है.