Aaj Ka Mausam: मध्य भारत में भारी बारिश की आशंका, ये राज्य होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित, IMD ने जारी किया अलर्ट

देशभर में 30 जुलाई से 4 अगस्त तक भारी वर्षा का पूर्वानुमान है. दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हिमाचल समेत कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और जरूरी ऐहतियात बरतने की सलाह दी है.

Social Media
Km Jaya

Weather Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने 30 जुलाई से 4 अगस्त 2025 तक देशभर में व्यापक वर्षा की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. यह स्थिति एक सक्रिय निम्न दबाव क्षेत्र और चक्रवाती परिसंचरण के कारण बनी है, जिससे कई राज्यों में तेज बारिश के साथ-साथ गरज-चमक और तेज़ हवाएं चलने की भी आशंका है.

भारी बारिश की संभावना 

उत्तर-पश्चिम भारत में हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है. इन क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है.

पश्चिम भारत में मौसम की स्थिति

पश्चिम भारत में मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों और गुजरात के कुछ हिस्सों में 30 जुलाई को तेज बारिश हो सकती है. पूरे सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है.

गरज-चमक के साथ बारिश

पूर्वोत्तर भारत में 1 अगस्त से वर्षा गतिविधि और तेज हो सकती है. असम, मेघालय, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में गरज-चमक और तेज बारिश जारी रहने की संभावना है. मध्य और पूर्व भारत में मध्य प्रदेश और बिहार में निम्न दबाव क्षेत्र के कारण अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है. इन क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं और बाढ़ जैसी स्थिति बनने की संभावना है.

जलभराव की समस्या

दक्षिण भारत में लगातार चल रही हवाओं के प्रभाव से हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी. तटीय और भीतरी इलाकों में तेज हवाएं और कभी-कभार भारी वर्षा हो सकती है. दिल्ली -एनसीआर क्षेत्र में आसमान बादलों से घिरा रहेगा और 1 अगस्त तक लगातार बारिश की संभावना है. तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है, जिससे मौसम सुहावना बना रहेगा, लेकिन जलभराव की समस्या पैदा हो सकती है.

नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह

आईएमडी ने लोगों को सतर्क रहने और स्थानीय मौसम पूर्वानुमानों पर नजर बनाए रखने की सलाह दी है. विशेषकर निचले इलाकों, नदी किनारे और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है.