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India Daily

Gold Reserve In Odisha: भारत का लग गया जैकपॉट! ओडिशा के अलग-अलग राज्यों में मिला इतने टन सोने का भंडार

यह खोज ओडिशा की अर्थव्यवस्था को बदल सकती है. ओडिशा पहले से ही भारत के 96% क्रोमाइट, 52% बॉक्साइट और 33% लौह अयस्क भंडार का मालिक है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
20 tonnes of gold reserves found in different states of Odisha

Gold Reserve In Odisha: ओडिशा में सोने का एक विशाल भंडार मिला है. भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (GSI) ने राज्य के कई जिलों में सोने के भंडार की खोज की है, जिसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है

कहां कितना सोना मिला

जीएसआई ने देवगढ़ (अदास-रामपल्ली), सुंदरगढ़, नबरंगपुर, केवंझर, अंगुल और कोरापुट में सोने के भंडार की पुष्टि की है. इसके अलावा, मयूरभंज, मलकानगिरी, संबलपुर और बौध में प्रारंभिक खोज कार्य जारी है. मार्च 2025 में, ओडिशा के खान मंत्री बिभूति भूषण जेना ने विधानसभा में इसकी पुष्टि की. अनुमान के अनुसार, इन भंडारों में 10 से 20 मीट्रिक टन सोना हो सकता है, जो भारत के 700-800 टन वार्षिक आयात की तुलना में छोटा लेकिन महत्वपूर्ण है.

खान की नीलामी की योजना बना रही सरकार

ओडिशा सरकार, ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (omc) और जीएसआई मिलकर इन भंडारों को व्यावसायिक रूप से उपयोग करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं. देवगढ़ में पहली सोने की खान की नीलामी की योजना बन रही है, जो राज्य के खनन क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कदम होगा. जीएसआई ने अदास-रामपल्ली और गोपुर-गाजीपुर जैसे क्षेत्रों में जी3 (प्रारंभिक सर्वेक्षण) से जी2 स्तर की ओर बढ़ रहा है.

बदल सकती है ओडिशा की तकदीर और तस्वीर

यह खोज ओडिशा की अर्थव्यवस्था को बदल सकती है. इससे स्थानीय स्तर पर बुनियादी ढांचे, रोजगार, परिवहन और सेवाओं में निवेश बढ़ेगा. हालांकि, यह भारत के सोने के आयात को पूरी तरह कम नहीं करेगा, लेकिन यह राज्य की खनिज निर्यात विविधता को बढ़ाएगा. ओडिशा पहले से ही भारत के 96% क्रोमाइट, 52% बॉक्साइट और 33% लौह अयस्क भंडार का मालिक है.

अब सरकार और जीएसआई की प्राथमिकता है कि खोज को अंतिम रूप दिया जाए, अयस्क की गुणवत्ता और निकालने की संभावनाओं का विश्लेषण किया जाए. तकनीकी समितियां अब इस बात का आकलन करेंगी कि यह व्यापारिक लाभ के लिए कितना उपयुक्त है. खान की पारदर्शी नीलामी MMDR अधिनियम के तहत होगी. साथ ही, पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव आकलन भी अनिवार्य होंगे.