1500 उड़ानें आज संचालित होंगी, क्राइसिस के बीच इंडिगो ने जारी किया बयान
DGCA का साफ आरोप है कि एयरलाइन ने FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) के नए संशोधित नियमों को लागू करने के लिए पहले से कोई ठोस तैयारी नहीं की.
नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पिछले कुछ दिनों में बड़े पैमाने पर उड़ान व्यवधानों के बाद इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मंगलवार से इंडिगो ने 2,000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द कर दी हैं और कई अन्य में देरी की है, जिससे यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं.
DGCA का साफ आरोप है कि एयरलाइन ने FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) के नए संशोधित नियमों को लागू करने के लिए पहले से कोई ठोस तैयारी नहीं की. नतीजतन क्रू की भारी कमी हो गई और अचानक सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. नियामक ने कहा, योजना, संसाधन प्रबंधन और निगरानी में इतनी बड़ी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यात्रियों को जो मानसिक-आर्थिक कष्ट हुआ, उसके लिए एयरलाइन पूरी तरह जिम्मेदार है.
नेटवर्क रीबूट के नाम पर भारी कटौती
इंडिगो ने शनिवार शाम एक बयान जारी कर स्वीकार किया कि उसने जानबूझकर बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द कीं ताकि “सिस्टम, रोस्टर और नेटवर्क को पूरी तरह रीसेट किया जा सके”. कंपनी का दावा है कि शुक्रवार को केवल 700 से कुछ अधिक उड़ानें ही संचालित की गईं, जिनसे 113 घरेलू-अंतरराष्ट्रीय गंतव्य जुड़े रहे. इंडिगो ने कहा, आज रविवार को इंडिगो 1,500 से अधिक उड़ानें संचालित कर रही हैं और उनकी 95% नेटवर्क कनेक्टिविटी बहाल हो चुकी है.
सरकार लेगी एक्शन?
हालांकि यात्रियों का कहना है कि स्थिति में अभी भी कोई खास सुधार नहीं दिख रहा. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई टर्मिनलों पर अभी भी लंबी-लंबी कतारें और गुस्साए यात्री नजर आ रहे हैं. इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को एयरलाइन को निर्देश दिया कि वह उड़ान रद्द होने से प्रभावित यात्रियों को 7 दिसंबर (रविवार) रात 8 बजे तक सभी लंबित रिफंड का भुगतान कर दे. देश में विभिन्न गंतव्यों के बीच हवाई किराए में भारी वृद्धि के बाद, फंसे हुए यात्रियों द्वारा विकल्प तलाशने के बाद, मंत्रालय ने हस्तक्षेप करते हुए घरेलू उड़ानों पर किराया सीमा भी लगा दी.