रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को चीन के क्विंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया. अप्रैल में पाहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों की कड़ी निंदा की.
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'कुछ देश सीमा-पार आतंकवाद को अपनी नीति के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं. इस तरह के दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए.' उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के किसी भी कृत्य को, चाहे वह किसी भी प्रेरणा से किया गया हो, किसी भी समय, कहीं भी और किसी के द्वारा किया गया हो, अपराध माना जाना चाहिए और इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता.
आतंकवाद से जुड़े लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए-राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, हम आतंकवाद के इस घृणित कृत्य की स्पष्ट रूप से निंदा करने की आवश्यकता पर बल देते हैं. आतंकवाद के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों, विशेष रूप से सीमा-पार आतंकवाद से जुड़े लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट की अपील
उन्होंने एससीओ सदस्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया और इस वैश्विक खतरे को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की. राजनाथ सिंह का यह बयान न केवल भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और समन्वय की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है.