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Kidney Disease: क्या आप भी रात में बार-बार उठकर जाते हैं पेशाब? इस गंभीर बीमारी का हो सकते हैं शिकार, डॉक्टर ने बताए 5 लक्षण

Kidney Disease: शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव कई बार गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं. डॉक्टर ने पांच लक्षण बताए हैं जिन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए. इनमें गुदा में दर्द और खून, एनल फिशर, पेशाब करने में कठिनाई, रात में बार-बार उठकर पेशाब करना और पेशाब पर नियंत्रण खोना शामिल हैं. ये संकेत प्रोस्टेट, ब्लैडर या किडनी की बीमारियों की ओर इशारा कर सकते हैं.

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Edited By: Km Jaya
किडनी की बीमारी
Courtesy: Pinterest

Kidney Disease: शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव कई बार गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं. खासकर पेशाब की आदतों और मल त्याग में आई गड़बड़ियां अक्सर अनदेखी कर दी जाती हैं, लेकिन ये समस्याएं बड़ी बीमारियों का शुरुआती लक्षण हो सकती हैं. एनेस्थीसियोलॉजिस्ट और इंटरवेंशनल पेन मेडिसिन फिजीशियन डॉ. कुनाल सूद ने चेतावनी दी है . उन्होंने अपने हालिया सोशल मीडिया वीडियो में पांच ऐसे लक्षण बताए हैं जिन पर समय रहते ध्यान देना जरूरी है.

पहला लक्षण है गुदा में दर्द के साथ गांठ और खून आना. डॉ. सूद के अनुसार यह बवासीर यानी हेमोरॉयड्स का संकेत हो सकता है. अंदरूनी बवासीर आमतौर पर बिना दर्द के खून बहाता है, जबकि बाहरी बवासीर में नीली, दर्दनाक गांठ बनती है जो बैठने या सफाई करते समय तकलीफ देती है.

बीमारी का दूसरा लक्षण

दूसरा लक्षण है तेज दर्द के साथ चमकदार लाल खून आना. इसे डॉक्टर ने एनल फिशर का संकेत बताया है. इसमें गुदा की परत पर छोटा सा चीरा पड़ जाता है जिससे मल त्याग के दौरान तीव्र दर्द और ताजा खून दिखाई देता है. दर्द कई मिनट से लेकर घंटों तक रह सकता है.

बीमारी का तीसरा लक्षण

तीसरा लक्षण है पेशाब करने में कठिनाई या पतली धारा. डॉक्टर के अनुसार यह प्रोस्टेट के बढ़ने यानी बीपीएच (बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया) की निशानी हो सकती है. बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्रमार्ग को दबा देता है जिससे पेशाब शुरू करने में मुश्किल और रुक-रुक कर बहना जैसी समस्या होती है.

बीमारी का चौथा लक्षण

चौथा लक्षण है बार-बार रात में उठकर पेशाब करना. डॉक्टर ने चेताया कि यह प्रोस्टेटाइटिस, प्रोस्टेट बढ़ने, ब्लैडर की समस्या, किडनी रोग, डायबिटीज या स्लीप एपनिया जैसी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है. इस लक्षण को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है.

बीमारी का पांचवां लक्षण

पांचवां लक्षण है पेशाब पर नियंत्रण खोना. यह अक्सर नसों या पेल्विक फ्लोर की कमजोरी के कारण होता है. इसमें ब्लैडर और स्पिंक्टर के बीच तालमेल बिगड़ जाता है. ऐसे मामलों में पेल्विक फ्लोर ट्रेनिंग से सुधार हो सकता है लेकिन गंभीर नर्व इंजरी में विशेष इलाज जरूरी है. डॉ. सूद ने कहा कि इन लक्षणों की अनदेखी करने से समस्या बढ़ सकती है. समय रहते डॉक्टर से परामर्श लेना और शुरुआती इलाज करवाना जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और गंभीर जटिलताओं से बचने का सबसे सही तरीका है.