World Mental Health Day 2025: हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाने वाला वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मानसिक सेहत के प्रति जागरूकता फैलाने और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कुरीतियों को खत्म करने का एक बड़ा अवसर है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग मानसिक समस्याओं के बारे में खुलकर बात करें और इसे एक गंभीर स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में समझें.
अगर हम मानसिक सेहत को प्राथमिकता देते हैं, तो यह न केवल हमारी भलाई में सुधार करता है, बल्कि पूरे समाज को एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है.
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की शुरुआत 1992 में हुई थी, जब यह पहल पहली बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ (WFMH) द्वारा की गई थी. यह संघ 1948 में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति सुधारने के लिए स्थापित हुआ था. पहले इस दिन का कोई विशेष थीम नहीं होता था, लेकिन 1994 में इसके थीम को लेकर एक नया कदम उठाया गया और तब से हर साल एक नया और अलग विषय चुना जाता है, जैसे आत्महत्या रोकथाम, कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच इत्यादि.
मानसिक स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति की समग्र भलाई के लिए उतना ही आवश्यक है, जितना शारीरिक स्वास्थ्य. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोग समझें और स्वीकारें कि मानसिक तनाव, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याएं आम हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. समाज में कई बार इन मुद्दों पर बात करने से डर या शर्म आती है, लेकिन इस दिन के जरिए हमें यह सिखने को मिलता है कि मानसिक समस्याओं का सामना करना बिल्कुल सामान्य है और मदद लेना भी उतना ही जरूरी है.
कभी-कभी मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं बहुत धीरे-धीरे शुरू होती हैं, लेकिन समय पर पहचान और मदद से इन्हें बढ़ने से रोका जा सकता है. अगर आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति निम्नलिखित संकेतों का अनुभव कर रहा हो, तो इसे नजरअंदाज न करें:
आपको मानसिक सेहत सुधारने के लिए बड़े बदलाव करने की जरूरत नहीं है. छोटे-छोटे कदम भी फर्क डाल सकते हैं. इन आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप अपनी मानसिक सेहत को बेहतर बना सकते हैं:
अगर आप चाहते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में सही संदेश जाए, तो आपको इस दिन की अहमियत को समझकर हर किसी तक यह जानकारी पहुंचानी होगी. इससे हम न केवल मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को समझने में मदद करेंगे, बल्कि एक ऐसे समाज की रचना भी करेंगे, जहां लोग मानसिक संघर्षों का सामना बिना डर के कर सकें.