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India Daily

'जुबिन दा नहीं हैं, तो हम क्या करेंगे?', जुबिन गर्ग की मौत के गम में फैन ने उठाया बड़ा कदम, ब्रह्मपुत्र में छलांग का

Zubeen Garg Death: असम के गुवाहाटी में जुबिन गर्ग की अचानक मौत के बाद एक युवा फैन ने ब्रह्मपुत्र नदी में छलांग लगा दी. इस दुखद घटना ने राज्य और देश के संगीत प्रेमियों को हैरान कर दिया है. घटना के साथ ही गर्ग की मौत की जांच तेज कर दी गई है.

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Edited By: Babli Rautela
Zubeen Garg Death
Courtesy: Social Media

Zubeen Garg Death: बुधवार को गुवाहाटी के सरायघाट पुल पर एक युवा फैन, जुबिन गर्ग की मौत का दुःख सहन न कर पाया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उसने अपने कपड़े फाड़ते हुए चिल्लाया, 'जुबिन दा यहां नहीं हैं, तो हम क्या करेंगे? जय जुबिन दा!' इसके कुछ ही पलों बाद वह ब्रह्मपुत्र नदी में कूद गया. आसपास खड़े लोग स्तब्ध रह गए और कुछ भी करने में असमर्थ दिखे. पांडु पुलिस दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और सुआलकुची पहाड़ियों तक व्यापक बचाव अभियान शुरू किया. लेकिन अभी तक उस व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है.

गुरुवार को, गर्ग की मौत की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने संगीतकार शेखर ज्योति गोस्वामी को हिरासत में लिया. अधिकारियों के अनुसार, गोस्वामी उस विवादास्पद नौका यात्रा के दौरान मौजूद थे, जिसके समय के आसपास गर्ग की मृत्यु हुई. हालांकि, उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के औपचारिक आरोप की घोषणा अभी तक नहीं की गई है. SIT इस घटना की सभी कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रहा है ताकि गर्ग की अचानक मृत्यु के कारणों का पता लगाया जा सके.

जुबिन गर्ग का संगीत सफर

गर्भ का जन्म मेघालय में हुआ था और 1990 के दशक की शुरुआत में वे असम के संगीत जगत में लोकप्रिय हुए. उनका नाम पूरे भारत में इमरान हाशमी अभिनीत फिल्म 'गैंगस्टर' (2006) के हिट गीत 'या अली' से मशहूर हुआ. गर्ग ने हिंदी के अलावा अपनी मातृभाषाओं जैसे असमिया, बांग्ला, नेपाली और कई अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए. उनके बहुभाषी गीतों ने उन्हें अलग अलग समुदायों में लाखों वफादार फैन दिलाए. वे अक्सर 'असम की आवाज' के नाम से जाने जाते थे.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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जुबिन गर्ग का निधन

गर्ग का निधन 52 साल की उम्र में सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग दुर्घटना के बाद हुआ. समुद्र से बचाए जाने और अस्पताल में ले जाने के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके. सूत्रों के अनुसार, गर्ग समुद्र में सैर के दौरान बीमार पड़ गए और उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में रखे जाने के बावजूद उनकी जान नहीं बच पाई.

गर्ग की आकस्मिक मृत्यु ने असमिया समुदाय, उनके फैन और भारतीय संगीत जगत में गहरा शोक पैदा किया. उनके गीत आज भी लाखों दिलों में जीवित हैं और उनका योगदान संगीत जगत के लिए अमूल्य रहा.