Raj Kundra Fraud Case: बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा फिर से सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार फर्जी खबरों के कारण. मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग द्वारा 60 करोड़ रुपये के कथित फ्रॉड केस की जांच के बीच मीडिया में छपी रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि राज कुंद्रा ने करीब 10 साल पहले शिल्पा को 15 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. लेकिन शिल्पा के वकील ने इसे 'बिल्कुल फर्जी' बताते हुए सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है.
यह केस अगस्त 2025 में शुरू हुआ, जब मुंबई के बिजनेसमैन दीपक कोठारी ने शिकायत दर्ज की. कोठारी ने आरोप लगाया कि 2015 से 2023 के बीच उन्होंने शिल्पा, राज कुंद्रा और उनकी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड में 60.4 करोड़ रुपये का लोन और इनवेस्टमेंट किया. कोठारी का कहना है कि उन्हें 12% सालाना ब्याज के साथ पैसे लौटाने का वादा किया गया था और शिल्पा ने अप्रैल 2016 में पर्सनल गारंटी भी दी. लेकिन पैसे का इस्तेमाल बिजनेस एक्सपैंशन के बहाने किया गया, जबकि कथित तौर पर इसे पर्सनल खर्चों में उड़ा दिया गया.
राज कुंद्रा से नहीं मिले शिल्पा शेट्टी को 15 करोड़
EOW की जांच में अब तक 25 करोड़ रुपये ट्रेस हो चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक फंड्स चार एक्ट्रेसेज - शिल्पा शेट्टी, बिपाशा बसु, नेहा धूपिया - और बालाजी एंटरटेनमेंट को ट्रांसफर किए गए. खासकर राज कुंद्रा पर शक है कि उन्होंने 60 करोड़ के फ्रॉड मनी से 15 करोड़ रुपये शिल्पा की कंपनी के अकाउंट में भेजे, जो एडवरटाइजमेंट या प्रमोशनल सर्विसेज के नाम पर था. लेकिन यह रकम सामान्य फीस से कहीं ज्यादा लग रही है, इसलिए EOW ने राज को 15 सितंबर को 5 घंटे से ज्यादा पूछताछ की और शिल्पा को भी समन भेजा है. पुलिस ने दोनों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है, ताकि वे देश छोड़कर न भागें.
60 करोड़ के फ्रॉड केस में एक्ट्रेस के वकील का दावा
इन रिपोर्ट्स पर शिल्पा के वकील ने शुक्रवार को आधिकारिक बयान जारी किया. उन्होंने कहा, 'मीडिया में छपी खबरें कि मेरी क्लाइंट शिल्पा शेट्टी कुंद्रा को उनके पति राज कुंद्रा से 10 साल पहले 15 करोड़ रुपये मिले, जो EOW द्वारा जांचा जा रहा है - यह पूरी तरह फर्जी है. इसे जानबूझकर शिल्पा को बदनाम करने के लिए फैलाया गया.' वकील ने आगे कहा, 'हम इस साजिश की जड़ तक जाएंगे. फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ आपराधिक और सिविल केस दायर करेंगे. अभी कुछ और नहीं कह सकते क्योंकि मामला कोर्ट में सब जूडिस है. लेकिन हम बॉम्बे हाईकोर्ट में भी राहत की गुहार लगाएंगे.'