Emergency: बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर विवाद एक बार फिर से गहरा गया है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब में फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है.
एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
यह पहली बार नहीं है जब 'इमरजेंसी' को लेकर विवाद हुआ है. इससे पहले भी फिल्म का पंजाब में विरोध हुआ था, जिसके चलते फिल्म के कुछ दृश्यों को हटाया गया और सेंसर बोर्ड से प्रमाणपत्र मिलने के बाद इसे रिलीज किया गया.
पत्र में एसजीपीसी ने कहा, 'सरकार की जिम्मेदारी है कि सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करे और ऐसी किसी भी फिल्म को रिलीज होने से रोके, जो समुदाय के इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत करती हो.'
कंगना रनौत ने अपनी फिल्म 'इमरजेंसी' को खुद डायरेक्ट किया है और वह खुद अपनी फिल्म में अहम किरदार यानी इंदिरा गांधी के रुप में दिखाई देने वाली है. फिल्म में अनुपम खेर, श्रेयस तलपदे, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन, विशाक नायर और सतीश कौशिक जैसे प्रमुख कलाकार भी हैं.
फिल्म 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है और यह भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान 1975 में लागू की गई आपातकाल की कहानी पर आधारित है.
फिल्म में 1971 के भारत-पाक युद्ध और बांग्लादेश के गठन की पृष्ठभूमि दिखाई गई है. इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजादी दिलाने में अहम रोल निभाया था, हालांकि अमेरिका ने इसमें हस्तक्षेप न करने की सलाह दी थी. कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाते हुए आपातकाल और उससे जुड़े राजनीतिक घटनाक्रम को फिल्म में दर्शाया है.
फिल्म की रिलीज को लेकर पंजाब सरकार की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, एसजीपीसी के दबाव और विवाद को देखते हुए राज्य में इसे लेकर प्रशासनिक कार्रवाई की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.