मिस यूनिवर्स के 7 कड़े नियम जो शायद आपको नहीं पता, इनके बिना प्रतियोगियों को नहीं मिलता हिस्सा लेने का मौका
मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन ने समय के साथ कई नियमों में बदलाव किए हैं, ताकि यह ज्यादा समावेशी बने. पहले कई सख्त प्रतिबंध थे, लेकिन अब नियम ज्यादा लचीले हो गए हैं. फिर भी कुछ ऐसे नियम हैं जो प्रतियोगियों को सख्ती से मानने पड़ते हैं. यहां हम बता रहे हैं 7 ऐसे नियम जो शायद आपको पता न हों.
मुंबई: मिस यूनिवर्स दुनिया का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित ब्यूटी पेजेंट है, जहां सुंदरता के साथ-साथ बुद्धि, आत्मविश्वास और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता को भी महत्व दिया जाता है. हाल ही में 21 नवंबर 2025 को थाईलैंड में हुए 74वें मिस यूनिवर्स पेजेंट में मेक्सिको की फातिमा बॉश ने ताज जीता. यह इवेंट ग्लैमर से भरा था, लेकिन बैकस्टेज कुछ विवादों की वजह से भी चर्चा में रहा.
मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन ने समय के साथ कई नियमों में बदलाव किए हैं, ताकि यह ज्यादा समावेशी बने. पहले कई सख्त प्रतिबंध थे, लेकिन अब नियम ज्यादा लचीले हो गए हैं. फिर भी कुछ ऐसे नियम हैं जो प्रतियोगियों को सख्ती से मानने पड़ते हैं. यहां हम बता रहे हैं 7 ऐसे नियम जो शायद आपको पता न हों:-
उम्र की कोई ऊपरी सीमा नहीं:- अब 18 साल से ज्यादा उम्र की कोई भी महिला हिस्सा ले सकती है. पहले 18 से 28 साल की सीमा थी, लेकिन 2023 से यह नियम हटा दिया गया। इससे शादीशुदा या ज्यादा उम्र की महिलाएं भी मौका पा रही हैं.
मां और शादीशुदा महिलाएं शामिल हो सकती हैं:- 2022 से मिस यूनिवर्स ने शादीशुदा, तलाकशुदा या मां बनी महिलाओं पर लगे बैन को खत्म कर दिया. पहले ऐसी महिलाएं हिस्सा नहीं ले सकती थीं, लेकिन अब यह पेजेंट ज्यादा इनक्लूसिव हो गया है.
ट्रांसजेंडर महिलाओं का स्वागत:- 2012 से ट्रांसजेंडर महिलाएं भी कंपटीशन में हिस्सा ले सकती हैं. यह बदलाव पेजेंट को आधुनिक और विविधता पूर्ण बनाने की दिशा में बड़ा कदम था.
देश की नागरिकता जरूरी:- प्रतियोगी को उस देश की नागरिक होना चाहिए जिसका वह प्रतिनिधित्व कर रही है. पासपोर्ट, बर्थ सर्टिफिकेट या पैरेंट्स के जरिए लीगल टाईज प्रूफ करना पड़ता है. सख्त वेरिफिकेशन होता है, ताकि कोई विवाद न हो.
सोशल एडवोकेसी अनिवार्य:- हर प्रतियोगी को कोई सामाजिक मुद्दा चुनना पड़ता है, जैसे पर्यावरण, मानसिक स्वास्थ्य या महिलाओं के अधिकार. उन्हें इस पर काम करना और प्रमोट करना होता है. मीडिया ट्रेनिंग भी दी जाती है, ताकि वे अच्छे से अपनी बात रख सकें.
सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी:- प्रतियोगियों को सोशल मीडिया पर पॉजिटिव और प्रोफेशनल रहना पड़ता है. कोई विवादास्पद पोस्ट नहीं कर सकतीं. स्पॉन्सर्स के साथ जुड़े कंटेंट को प्रमोट करना भी जरूरी होता है, वरना सजा मिल सकती है.
ड्रेस कोड का सख्त पालन:- अलग-अलग इवेंट्स के लिए स्पेसिफिक ड्रेस कोड होता है, जैसे स्विमसूट राउंड, इवनिंग गाउन या इंटरव्यू के लिए. नियम तोड़ने पर वॉर्निंग या डिस्क्वालिफिकेशन तक हो सकता है. कुछ देशों की प्रतियोगियां कल्चरल रीजन से फुल कवरिंग चुन सकती हैं.