मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के एक्स हसबैंड और बिजनेसमैन संजय कपूर की मौत के बाद उनकी करीब 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर परिवार में चल रहा कानूनी विवाद अब अंतिम चरण में पहुंच गया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली है और करिश्मा के बच्चों की अंतरिम रोक की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने साफ कहा कि अब कोई नई दलीलें या फाइलिंग स्वीकार नहीं की जाएंगी.
यह विवाद जून 2025 में संजय कपूर की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत के बाद शुरू हुआ. संजय इंग्लैंड में पोलो खेलते समय बीमार पड़े और उनका निधन हो गया. वे सोना कॉमस्टार कंपनी के चेयरमैन थे. उनकी तीसरी पत्नी प्रिया सचदेव कपूर ने एक वसीयत पेश की, जिसमें ज्यादातर संपत्ति उन्हें और उनके छोटे बेटे को मिल रही है. लेकिन करिश्मा कपूर के बच्चों – बेटी सामायरा और बेटे कियान – ने इस वसीयत को फर्जी बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी है.
बच्चों की तरफ से दावा किया गया कि वसीयत में संजय के हस्ताक्षर फर्जी हैं, बच्चों के नामों की स्पेलिंग गलत है और पता भी सही नहीं. वे कहते हैं कि संजय ने कभी उन्हें संपत्ति से वंचित नहीं किया होता. बच्चों ने अंतरिम राहत मांगी है कि प्रिया संपत्ति बेचें या ट्रांसफर न करें, साथ ही विदेशी संपत्तियों (अमेरिका और ब्रिटेन में) पर भी रोक लगे. उन्होंने वसीयत की फोरेंसिक जांच की भी मांग की थी.
प्रिया सचदेव की तरफ से सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने सभी आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि संपत्ति विदेश में ट्रांसफर करना गलत नहीं और बच्चों को पहले ही फैमिली ट्रस्ट से करीब 1900 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. प्रिया ने यह भी दावा किया कि संजय की सालाना इनकम 60 करोड़ रुपये नहीं थी, जैसा आरोप लगाया गया. कोर्ट में विदेशी संपत्तियों पर दिल्ली हाई कोर्ट की अधिकारिता पर भी बहस हुई.