रणवीर सिंह की मोस्टअवेटेड एक्शन थ्रिलर धुरंधर आखिरकार दर्शकों के बीच पहुंच गई है. फिल्म डायरेक्टर आदित्य धर की इस फिल्म ने रिलीज से पहले ही काफी उत्साह पैदा किया था क्योंकि कहानी दो बड़े राष्ट्रीय संकटों 1999 की IC 814 हाईजैकिंग और 2001 के पार्लियामेंट हमले से प्रेरित है. लंबे समय बाद रणवीर सिंह की बड़े पर्दे पर वापसी होने के कारण दर्शकों की उम्मीदें भी इस प्रोजेक्ट से काफी बढ़ गई थीं.
फिल्म की कहानी हमजा अली मजरही के इर्दगिर्द घूमती है जिसका किरदार रणवीर सिंह निभा रहे हैं. वह एक अंडरकवर एजेंट है जो दुश्मन के इलाके में प्रवेश कर वहां मौजूद आतंकी नेटवर्क का सफाया करने के लिए गुप्त मिशन पर जाता है. उसका लक्ष्य है आने वाले हमलों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी निकालना ताकि देश पर दोबारा कोई हमला न हो.
हमजा का किरदार निभा रहे रणवीर सिंह धीरे धीरे ल्यारी में फैले आतंक के सूत्रधारों को एक एक कर खत्म करता जाता है. इस दौरान उसका सामना अक्षय खन्ना द्वारा निभाए गए रहमान डकैत से होता है जिसका भरोसा जीतना उसके मिशन का बड़ा हिस्सा है. लेकिन असली चुनौती तब आती है जब वह ISI के मेजर इकबाल से टकराता है जिसका रोल अर्जुन रामपाल निभा रहे हैं. यह वही इकबाल है जिसे मौत का फरिश्ता कहा जाता है.
दूसरी ओर संजय दत्त पूर्व एस पी चौधरी असलम खान बने हैं जिनका उद्देश्य भी ल्यारी को आतंक से मुक्त करना है. मिशन, सत्ता संघर्ष, गैंग वॉर और राजनीतिक दबावों के बीच कहानी धीरे धीरे आगे बढ़ती है और फिल्म का दूसरा हाफ एजेंट हमजा की असली परीक्षा बन जाता है.
धुरंधर की सबसे बड़ी ताकत रणवीर सिंह ही हैं. फिल्म में उनका पूरे समय नियंत्रण बना रहता है और वह अपने हर सीन में ऊर्जा, संवेदनशीलता और रॉ इमोशन लेकर आते हैं. एक करियर के शांत चरण के बाद धुरंधर रणवीर के लिए एक नई मजबूती के साथ वापसी है.
बाकी कलाकारों ने भी प्रभाव छोड़ा है. आर माधवन इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ अजय सान्याल के रोल में सधे हुए नजर आते हैं. अक्षय खन्ना रहमान डकैत के किरदार में धार दिखाते हैं और उनकी स्क्रीन उपस्थिति कहानी को मजबूती देती है. अर्जुन रामपाल का मेजर इकबाल का रूप फिल्म में भय और रहस्य दोनों लेकर आता है. संजय दत्त अपने अंदाज में कहानी में वजन जोड़ते हैं.
आदित्य धर का डायरेक्शन स्टाइलिश, भव्य और तेज भावनात्मक टोन लिए हुए है. उन्होंने इस कहानी को एक बड़े कैनवास पर उतारा है जहां एक्शन और इमोशन दोनों को बराबर जगह दी गई है. फिल्म के एक्शन सीक्वेंस आकर्षक और जमीन से जुड़े लगते हैं. बैकग्राउंड स्कोर तनाव को और बढ़ाता है जिससे फिल्म का माहौल लगातार हाई वोल्टेज महसूस होता है.
हालांकि फिल्म की सबसे बड़ी चुनौती उसकी रफ्तार है. धुरंधर एक लंबी फिल्म है और कई जगह कहानी बहुत धीरे चलती है. यह धीमापन उन दर्शकों को निराश कर सकता है जो लगातार थ्रिल की उम्मीद में बैठे हों. लेकिन फिल्म अपने रनटाइम में जो हाई इंटेंसिटी एक्शन देती है वह इसे संभाल लेता है.
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी शार्प है और लोकेशन्स को बेहतरीन तरीके से चित्रित किया गया है. लड़ाई, पीछा करने और गुप्त मिशन वाले दृश्यों को बहुत आकर्षक अंदाज में शूट किया गया है. बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के सबसे प्रभावशाली पहलुओं में से एक है जो हर सीन में टेंशन को बढ़ाता है.
फिल्म एक स्लो पेस्ड लेकिन इन्टेंस मिशन ड्रामा है जो भावनाओं और एक्शन दोनों को साथ लेकर चलता है. दर्शकों को कहानी की रफ्तार धीमी लग सकती है लेकिन परफॉर्मेंस और तकनीकी पक्ष इसे देखने लायक बनाते हैं. रणवीर सिंह की वापसी इस फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी है और वह साबित करते हैं कि वह अभी भी बड़े पर्दे का एक शक्तिशाली चेहरा हैं.