नई दिल्ली: दुनिया में 197 देश हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सबसे पढ़ा-लिखा देश कौन सा है? शिक्षा के क्षेत्र में टर्शियरी एजुकेशन यानी उच्च शिक्षा की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण संकेतक है. इसके आधार पर देशों की तुलना करना बेहद रोचक है.
शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था की प्रगति का भी मापक है. इस लिहाज से दुनिया के सबसे पढ़े-लिखे देशों की सूची बताती है कि कौन से देश शिक्षा में निवेश कर रहे हैं और किसकी शिक्षा प्रणाली वैश्विक स्तर पर सबसे प्रभावशाली है.
दक्षिण कोरिया टर्शियरी एजुकेशन के मामले में दुनिया का सबसे शिक्षित देश माना जाता है. यहां की उच्च शिक्षा प्रणाली अत्याधुनिक और प्रतिस्पर्धात्मक है. देश में अधिकांश लोग विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करते हैं. इसका प्रभाव केवल रोजगार पर ही नहीं, बल्कि विज्ञान, तकनीक और अनुसंधान में भी दिखाई देता है. दक्षिण कोरिया की शिक्षा नीति छात्रों को वैश्विक स्तर पर सक्षम बनाने पर केंद्रित है.
कनाडा इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है, जहां 66.36% लोगों ने उच्च शिक्षा हासिल की है. कनाडा में शिक्षा का स्तर और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अवसर बेहद आकर्षक हैं. जापान तीसरे नंबर पर है, जहां 64.81% लोग टर्शियरी एजुकेशन से जुड़े हैं. जापान की शिक्षा प्रणाली तकनीकी और व्यावसायिक कौशल पर जोर देती है, जिससे यह देश वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रहता है.
लक्समबर्ग और आयरलैंड क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान पर हैं. यहां उच्च शिक्षा प्रणाली मजबूत है और वैश्विक छात्रों के लिए आकर्षक विकल्प प्रस्तुत करती है. इन देशों में उच्च शिक्षा का प्रतिशत अधिक होने के कारण शोध और नवाचार के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान है. शिक्षा का यह स्तर आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति दोनों को प्रभावित करता है.
रूस इस लिस्ट में छठे स्थान पर है, जो अपने विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में योगदान के लिए जाना जाता है. लिथुआनिया सातवें और यूनाइटेड किंगडम आठवें स्थान पर हैं. यूके की शिक्षा प्रणाली दुनिया भर में प्रतिष्ठित है, जबकि लिथुआनिया में उच्च शिक्षा के प्रतिशत में स्थिर वृद्धि देखी जा रही है. ये देश शिक्षा के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहे हैं.
नीदरलैंड और नॉर्वे क्रमशः नौवें और दसवें स्थान पर हैं. दोनों देशों की शिक्षा प्रणाली उन्नत और समावेशी है. ये देश उच्च शिक्षा में निवेश के लिए जाने जाते हैं और शोध व नवाचार में योगदान करते हैं. इन देशों में शिक्षा का उच्च स्तर सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद करता है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उन्हें मजबूती प्रदान करता है.