P Jayachandran Died: भारतीय संगीत जगत के महान सिंगर, पी जयचंद्रन का निधन 80 साल की उम्र में हुआ. उनका निधन एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ. जयचंद्रन को गुरुवार को उनके घर पर गिरने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. बता दें की सिंगर लंबे समय से बिमार चल रहे थे और उनके निधन ने संगीत प्रेमियों और उनके फैंस को गहरे शोक में डुबो दिया है.
पी जयचंद्रन ने अपने करियर में 16,000 से ज्यादा गाने गाए थे, जो मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी जैसी अलग अलग भाषाओं में थे. उनकी आवाज ने न केवल भारतीय संगीत प्रेमियों का दिल जीता, बल्कि वह पूरे देश में एक सम्मानित नाम बन गए थे. उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें कई बड़े बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और केरल सरकार का जे सी डैनियल पुरस्कार प्रमुख थे.
जयचंद्रन को भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था. उन्हें यह सम्मान फिल्म 'श्री नारायण गुरु' में उनके गीत 'शिव शंकर शरण सर्व विभो' के अद्वितीय प्रदर्शन के लिए मिला था. उनके संगीत में गहरी भावना और भावनात्मक शक्ति होती थी, जो उनकी आवाज में बखूबी झलकी.
जयचंद्रन का संगीत यात्रा एक संयोग था. उन्होंने इरिनजालकुडा के क्राइस्ट कॉलेज से जूलॉजी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी, और इसके बाद उन्होंने चेन्नई में एक निजी फर्म में काम किया. इस दौरान, मेकर शोभना परमेश्वरन नायर और डायरेक्टर ए विंसेंट ने चेन्नई में उनके एक संगीत कार्यक्रम को देखा और उनकी आवाज को पहचाना. इसके बाद, उन्हें एक फिल्म में गाने का मौका मिला, और इस तरह 1965 में उनकी फिल्म 'कुंजली मरक्कर' के गीत 'ओरु मुल्लाप्पू मलयुमई' से उन्होंने अपनी गायन यात्रा की शुरुआत की.
हालांकि, उनका पहला रिलीज किया गया गाना 'मंजालयिल मुंगीथोर्थी' फिल्म 'कालिथोजान' के लिए था, जिसमें उन्होंने गाया था. यह गाना उनके संगीत करियर की शुरुआत को दर्शाता है, और इसके बाद वह लगातार संगीत की दुनिया में अपनी छाप छोड़ते गए.