Actress File Complaint Against Darshan: कन्नड़ सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस और सांसद रह चुकी राम्या ने कन्नड़ एक्टर दर्शन के फैंस के सोशल मीडिया पर की जा रही ट्रोलिंग और बलात्कार और जान से मारने की धमकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. राम्या ने इन धमकियों के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर शिकायत दर्ज करने की योजना बनाई है. इस मामले ने न केवल कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि पूरे देश में ऑनलाइन उत्पीड़न के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है.
अपनी में एक बातचीत में राम्या ने कहा, 'बेंगलुरु कमिश्नर ने मुझे आज समय दिया है, इसलिए मैं उनसे मिलने जाऊंगी. मैंने अपने वकीलों से भी संपर्क किया है, और हम सभी संदेशों को इकट्ठा करके शिकायत दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं.' उन्होंने सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते दुर्व्यवहार को 'दुखद और दयनीय' बताया और कहा कि ट्रोल्स को इस तरह की हरकतों से बच निकलने की आदत हो गई है.
राम्या ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ अपमानजनक टिप्पणियों के स्क्रीनशॉट साझा किए, जिनमें कहा गया, 'रेणुकास्वामी की बजाय, आपकी हत्या कर दी जानी चाहिए थी.' साथ ही बलात्कार और जान से मारने की धमकियां और अश्लील गालियां शामिल थीं. उन्होंने लिखा, 'डी बॉस फैंस के लिए - मेरे इंस्टाग्राम पर स्वागत है :) आपके कमेंट्स इस बात का सबूत हैं कि रेणुकास्वामी के परिवार को न्याय क्यों चाहिए!' राम्या ने यह भी कहा कि रेणुकास्वामी द्वारा पवित्रा गौड़ा को भेजे गए अश्लील संदेशों और दर्शन के फैंस द्वारा उन्हें भेजे जा रहे संदेशों में कोई अंतर नहीं है.
कन्नड़ एक्टर दर्शन थूगुदीपा को 11 जून 2024 को चित्रदुर्गा के 33 साल की रेणुकास्वामी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. रेणुकास्वामी ने कथित तौर पर दर्शन की सहयोगी और एक्ट्रेस पवित्रा गौड़ा को अश्लील और अपमानजनक संदेश भेजे थे, जिसके बाद दर्शन ने अपने प्रशंसक राघवेंद्र को रेणुकास्वामी को बेंगलुरु लाने का निर्देश दिया. पुलिस के अनुसार, रेणुकास्वामी को 8 जून 2024 को एक शेड में ले जाया गया, जहां उनकी बेरहमी से पिटाई की गई, बिजली के झटके दिए गए, और उनकी हत्या कर दी गई. उनका शव 9 जून को बेंगलुरु के सुमनहल्ली में एक नाले के पास मिला.
दर्शन और पवित्रा गौड़ा सहित 17 लोगों के खिलाफ हत्या, अपहरण, और आपराधिक साजिश के आरोप में 3,991 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई थी. दिसंबर 2024 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने दर्शन और पवित्रा को नियमित जमानत दे दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई 2025 को इस जमानत पर कड़ी आपत्ति जताई और कर्नाटक सरकार की अपील पर फैसला सुरक्षित रखा.