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Javed Akhtar: पाकिस्तान और नरक के बीच किसे चुनेंगे जावेद अख्तर? गीतकार के जवाब ने ठनकाया लोगों का माथा

Javed Akhtar: जावेद अख्तर ने मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत की पुस्तक नरकतला स्वर्ग के विमोचन समारोह में एक साहसिक बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पाकिस्तान और नरक में से किसी एक को चुनना पड़े, तो वह नरक जाना पसंद करेंगे.

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Edited By: Babli Rautela
Javed Akhtar
Courtesy: Social Media

Javed Akhtar: मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत की पुस्तक नरकतला स्वर्ग के विमोचन समारोह में एक साहसिक बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पाकिस्तान और नरक में से किसी एक को चुनना पड़े, तो वह नरक जाना पसंद करेंगे. इस बयान ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है, और उनके भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है.

जावेद अख्तर ने अपने भाषण में कहा, 'भारत और पाकिस्तान, दोनों तरफ के कट्टरपंथी मुझे गाली देते हैं. एक तरफ के लोग मुझे काफिर कहते हैं और नरक भेजने की बात करते हैं, तो दूसरी तरफ के लोग मुझे जिहादी कहकर पाकिस्तान जाने को कहते हैं.' उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, 'अगर कोई एक पक्ष मुझे गाली देना बंद कर दे, तो मुझे लगेगा कि मैं कुछ गलत कर रहा हूं.' अख्तर ने यह भी बताया कि कई लोग उनकी सराहना करते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं, जिसके लिए वह आभारी हैं.

'पाकिस्तान नहीं, नरक चुनूंगा'-जावेद अख्तर

अख्तर ने अपने बयान में स्पष्ट किया, 'अगर मेरे पास सिर्फ दो ऑप्शन हों—पाकिस्तान या नरक, तो मैं बिना झिझक नरक जाना पसंद करूंगा.' यह बयान ऑपरेशन सिंदूर और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के संदर्भ में आया. अख्तर ने इस हमले के बाद भारत सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की थी, जिसके चलते उन्हें पाकिस्तान में कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी.

संजय राउत की तारीफ

कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने संजय राउत की पुस्तक नरकतला स्वर्ग की जमकर तारीफ की. उन्होंने राउत को 'टी20 खिलाड़ी' करार देते हुए कहा, 'संजय राउत क्रीज से बाहर निकलकर चौके-छक्के मारते हैं. उन्हें आउट होने की चिंता नहीं रहती.' यह पुस्तक राउत के राजनीतिक जीवन, जेल के अनुभवों और सियासी संघर्षों का लेखा-जोखा है. अख्तर ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात राउत से तब हुई, जब उन्होंने एक लेख सामना में प्रकाशित करवाया था.