मुंबई: भारतीय सिनेमा के लिए एक गर्व का पल सामने आया है. नीरज घेवान की डायरेक्टेड फिल्म होमबाउंड को 98वें एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में शॉर्टलिस्ट किया गया है. यह फिल्म भारत की आधिकारिक ऑस्कर एंट्री है और अब नॉमिनेशन से सिर्फ एक कदम दूर है. इस उपलब्धि ने न सिर्फ फिल्म की टीम बल्कि पूरे देश के फिल्म प्रेमियों को उत्साहित कर दिया है.
एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज की ओर से जारी की गई लिस्ट के अनुसार होमबाउंड उन 15 फिल्मों में शामिल है, जिन्हें अगले और अंतिम वोटिंग राउंड के लिए चुना गया है. इस कैटेगरी में कुल 86 देशों और क्षेत्रों की फिल्में एलिजिबल थीं. शुरुआती वोटिंग राउंड में एकेडमी के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के बाद इन फिल्मों को शॉर्टलिस्ट किया गया.
एकेडमी के नियमों के अनुसार अब नॉमिनेशन फेज में प्रवेश करने वाली फिल्मों को सभी संबंधित सदस्यों द्वारा देखा जाना जरूरी है. जो सदस्य वोटिंग में हिस्सा लेना चाहते हैं, उन्हें शॉर्टलिस्ट की गई सभी 15 फिल्मों को देखना होगा. इसके बाद फाइनल नॉमिनेशन के लिए वोट डाले जाएंगे. ऐसे में होमबाउंड के लिए यह दौर बेहद अहम माना जा रहा है.
होमबाउंड का मुकाबला इस साल कई मजबूत इंटरनेशनल फिल्मों से है. इस लिस्ट में अर्जेंटीना की बेलेन, ब्राजील की द सीक्रेट एजेंट, फ्रांस की इट वाज़ जस्ट एन एक्सीडेंट और जर्मनी की साउंड ऑफ फॉलिंग जैसी चर्चित फिल्में शामिल हैं. इन फिल्मों को भी इंटरनेशनल फेस्टिवल्स में सराहना मिल चुकी है, जिससे मुकाबला और रोचक हो गया है.
फिल्म के शॉर्टलिस्ट होने की खुशी प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शंस ने सोशल मीडिया पर जाहिर की. इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा गया, होमबाउंड को 98वें एकेडमी अवॉर्ड्स में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है. हम दुनिया भर से मिले असाधारण प्यार और सपोर्ट के लिए बहुत आभारी हैं. इस पोस्ट के बाद फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों ने टीम को बधाई दी.
होमबाउंड की कहानी बचपन के दो दोस्तों शोएब और चंदन के इर्द गिर्द घूमती है. दोनों की ख्वाहिश है कि वे पुलिस फोर्स का हिस्सा बनें. यह साझा सपना उनकी दोस्ती, जिम्मेदारियों और समाज के दबावों के बीच कई मोड़ लेता है. फिल्म युवा भारत की सोच, संघर्ष और नैतिक दुविधाओं को संवेदनशील तरीके से सामने रखती है.