menu-icon
India Daily

बड़े हो चुके अनाथ बच्चों को गोद लेने की जरूरत', एक्ट्रेस और मशहूर क्रिकेट शो होस्ट ने क्यों की देश से अपील?

मंदिरा ने गोद लेने की जटिल प्रक्रियाओं को सरल करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, "लोगों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु प्रक्रिया को और आसान करना होगा.

auth-image
Edited By: Garima Singh
Mandira Bedi
Courtesy: X

Mandira Bedi: प्रसिद्ध अभिनेत्री और क्रिकेट शो होस्ट मंदिरा बेदी ने हाल ही में बच्चों को गोद लेने के मुद्दे पर गहरी बातचीत की. 'सनफीस्ट मॉम्स मैजिक' द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में उन्होंने कहा, "मातृत्व खून के रिश्तों से परिभाषित नहीं होता, बल्कि इरादे, प्रेम और आजीवन प्रतिबद्धता से परिभाषित होता है." मंदिरा ने इस बात पर जोर दिया कि न केवल शिशुओं, बल्कि बड़े अनाथ बच्चों को भी दत्तक माता-पिता का प्यार और घर मिलना चाहिए.

मंदिरा ने गोद लेने की जटिल प्रक्रियाओं को सरल करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, "लोगों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु प्रक्रिया को और आसान करना होगा." एक पुत्र वीर और दत्तक पुत्री तारा की मां मंदिरा ने बताया, "हमारे लिए, गोद लेना कभी अंतिम उपाय नहीं था. यह एक सपना था, जिसे मैंने अपने शुरुआती 20 के दशक से संजोया था."

बड़े अनाथ बच्चों की अनदेखी दुर्दशा

मंदिरा ने बड़े अनाथ बच्चों की अनदेखी स्थिति पर बात की. उन्होंने कहा, "हर कोई छोटे बच्चों या न्यू बोर्न को गोद लेना चाहता है, लेकिन बड़े बच्चे सिस्टम में भुला दिए जाते हैं. उनके बारे में भी सोचना चाहिए." अपनी बेटी तारा के बारे में बात करते हुए, जो चार साल की उम्र में उनके परिवार का हिस्सा बनी, मंदिरा ने एक हृदयस्पर्शी घटना साझा की. एक छोटी बच्ची को तीन बार गोद लिया गया, लेकिन हर बार उसे वापस लौटा दिया गया. "यह दिल दहला देने वाला था. मैं इसका जीता-जागता सबूत हूं कि बड़े बच्चों को भी प्यार और मूल्यों के साथ पाला जा सकता है. "

मंदिरा का निजी अनुभव 

2021 में अपने पति राज कौशल को खोने के बावजूद, मंदिरा ने दत्तक माता-पिता के रूप में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. उन्होंने बताया कि गोद लेना उनके लिए एक सोचा-समझा निर्णय था, न कि क्षणिक विचार. मंदिरा, जिन्होंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' और 'औरत' जैसे धारावाहिकों में शानदार अभिनय किया, साथ ही आईसीसी क्रिकेट विश्व कप और आईपीएल की मेजबानी से लोकप्रियता हासिल की, समाज में दत्तक ग्रहण को सामान्य बनाने की दिशा में प्रेरित कर रही हैं.