'मैं हार्ड नहीं, स्मार्ट वर्क करती हूं', 56 साल की जेनिफर लोपेज ने बताया क्या है उनका फिटनेस सीक्रेट
56 साल की उम्र में भी हॉलीवुड स्टार जेनिफर लोपेज अपनी फिटनेस और ग्लोइंग स्किन से सभी को हैरान कर देती हैं. हाल ही में उन्होंने बताया कि अब वो 'स्मार्टली' वर्कआउट करती हैं, न कि ज्यादा मेहनत करके.
कहते हैं उम्र सिर्फ एक संख्या है और जेनिफर लोपेज इसका सबसे खूबसूरत उदाहरण हैं. 56 की उम्र में भी उनका फिट और टोंड शरीर किसी यंग स्टार से कम नहीं दिखता. हाल ही में CBS Mornings शो में उन्होंने बताया कि अब वो 'work smarter, not harder' के सिद्धांत पर चलती हैं. लोपेज के मुताबिक, अब वो भारी वजन उठाने यानी Weight Lifting पर ध्यान देती हैं, क्योंकि इससे शरीर में मांसपेशियां मजबूत होती हैं और बढ़ती उम्र में भी जवां लुक बना रहता है.
फिटनेस एक्सपर्ट स्पूर्थी एस के अनुसार, 30 की उम्र के बाद महिलाओं की मांसपेशियों का 3 से 8 प्रतिशत हिस्सा हर दशक में घटता है. 50 की उम्र के बाद यह गिरावट और तेज हो जाती है, जिससे संतुलन, ताकत और स्वतंत्रता पर असर पड़ता है. ऐसे में Weight Lifting मांसपेशियों को बनाए रखने और नई ऊर्जा लाने में मदद करता है. यह न केवल जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करता है बल्कि आर्थराइटिस जैसी समस्याओं से राहत भी देता है.
वेट लिफ्टिंग से बढ़ता है मेटाबॉलिज्म
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं का वजन खासकर पेट के आसपास बढ़ने लगता है. ऐसे में Resistance Training और वेट लिफ्टिंग शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं, जिससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक्सरसाइज ग्रोथ हार्मोन के स्राव को भी बढ़ाती है, जिससे शरीर में एनर्जी, आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है. यही वजह है कि वेट लिफ्टिंग को 'एंटी-एजिंग एक्सरसाइज' भी कहा जाता है.
दिमाग को भी मिलती है मजबूती
स्पूर्थी बताती हैं कि नियमित रूप से वजन उठाना केवल शरीर को नहीं, बल्कि दिमाग को भी मजबूत बनाता है. यह तनाव को कम करता है, डिप्रेशन के लक्षणों से राहत देता है और नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है. जो महिलाएं 50 की उम्र के बाद Weight Lifting शुरू करना चाहती हैं, उन्हें हल्के वजन से शुरुआत करनी चाहिए और धीरे-धीरे वजन बढ़ाना चाहिए. विशेषज्ञ की निगरानी में ट्रेनिंग करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं और चोटों का खतरा भी कम होता है.
शुगर का खतरा होता है कम
डॉ. योकेश अरुल के अनुसार, वजन उठाने से महिलाओं में मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा घटता है. Weight Lifting से हड्डियों की डेंसिटी बढ़ती है और फ्रैक्चर का खतरा कम होता है. उन्होंने बताया कि सही डाइट और प्रोटीन के साथ वर्कआउट करने पर शरीर में फैट घटता है और फिजीक बेहतर होती है. महिलाओं को अपनी एनर्जी लेवल और हार्मोनल चक्र के अनुसार सुबह या शाम का समय चुनना चाहिए, ताकि नतीजे बेहतरीन मिलें.