National Teacher Awards 2025: शिक्षा जगत में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने इस बार 21 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चुना है. चयनित शिक्षकों में पॉलिटेक्निक, राज्य विश्वविद्यालयों और केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के अध्यापक शामिल हैं. मंत्रालय का कहना है कि यह पुरस्कार उन शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए है जो न केवल शिक्षण में बल्कि समाज और छात्रों के जीवन में भी बदलाव ला रहे हैं.
शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2023 से शिक्षक सम्मान के लिए दो अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं. इनमें एक श्रेणी उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) के लिए और दूसरी पॉलिटेक्निक संस्थानों के लिए तय की गई है. इस बार चयनित 21 शिक्षकों में दोनों ही श्रेणियों के अध्यापक शामिल हैं, जिन्हें उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए चुना गया है.
मंत्रालय के मुताबिक पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों का चयन एक बहुस्तरीय प्रक्रिया के तहत हुआ. पहले चरण में एक खोज-सह-स्क्रीनिंग समिति ने संभावित उम्मीदवारों का मूल्यांकन कर शॉर्टलिस्ट तैयार की. इसके बाद राष्ट्रीय ज्यूरी ने अंतिम 21 नामों को चुना. चयन मानकों में शिक्षण क्षमता, सीखने की प्रभावशीलता, अनुसंधान, नवाचार, आउटरीच गतिविधियां और फैकल्टी डेवलपमेंट जैसे बिंदुओं को प्रमुखता दी गई. इनमें से शिक्षण और आउटरीच गतिविधियों को सबसे अधिक महत्व दिया गया.
मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 प्रेरित और सक्षम शिक्षकों को शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ मानती है. एनईपी के अनुसार शिक्षकों की उत्कृष्टता से न केवल छात्रों का सीखना बेहतर होता है, बल्कि संस्थान और पूरे शिक्षा तंत्र में भी सकारात्मक बदलाव आता है. इसी सोच के तहत पुरस्कार और सम्मान जैसी पहल की जा रही हैं, ताकि शिक्षक अपने काम में और अधिक ऊर्जा और समर्पण के साथ आगे बढ़ सकें.
पुरस्कार प्राप्त करने वालों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र से दो-दो शिक्षक शामिल हैं. वहीं पुडुचेरी, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और बेंगलुरु से एक-एक शिक्षक का चयन हुआ है. इन सभी शिक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्र में विद्यार्थियों के जीवन को बदलने और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है.