Shubman Gill Education: कितने पढ़े-लिखे हैं नए ODI कप्तान शुभमन गिल? 17 की उम्र में किया था कारनामा
Shubman Gill Education: शुभमन गिल ने आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2018 में सबसे ज्यादा रन बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. गिल का फोकस हमेशा क्रिकेट पर रहा और यही वजह रही कि पढ़ाई पीछे छूट गई लेकिन करियर चमक उठा.
Shubman Gill Education: कहते हैं कि कुछ इतिहास किताबों से नहीं बल्कि बल्लों से दर्ज होते हैं. भारतीय क्रिकेट का नया अध्याय भी कुछ ऐसा ही है, जहां 25 साल के युवा खिलाड़ी शुभमन गिल को टीम इंडिया का नया टेस्ट कप्तान नियुक्त किया गया है. गिल ने अपने शानदार प्रदर्शन और लगन से करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता है.
हालांकि, मैदान पर रिकॉर्ड तोड़ने वाले इस खिलाड़ी की शैक्षिक पृष्ठभूमि भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. मोहाली में स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले शुभमन गिल की पढ़ाई 10वीं कक्षा तक ही सीमित रही. क्रिकेट के प्रति जुनून और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में चमकने का सपना ही उनकी पढ़ाई के रास्ते में सबसे बड़ी वजह बना.
पिता बने सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम
शुभमन गिल का जन्म 8 सितंबर 1999 को पंजाब के फाजिल्का जिले में हुआ था. यहां से उनकी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत हुई. गिल के पिता लखविंदर सिंह ने बेटे की प्रतिभा को पहचानते हुए परिवार को मोहाली शिफ्ट किया ताकि क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए बेहतर माहौल मिल सके. गिल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मोहाली के मान्यता प्राप्त स्कूल से पूरी की. इसी दौरान उन्होंने क्रिकेट और पढ़ाई दोनों में संतुलन बनाए रखा.
10वीं तक पढ़ाई, अंडर-19 टीम का हिस्सा
क्रिकेट के बढ़ते दबाव और लगातार टूर्नामेंट्स की वजह से गिल अपनी पढ़ाई को 10वीं कक्षा के बाद आगे जारी नहीं रख पाए. कम उम्र में ही गिल ने नेशनल लेवल पर जगह बना ली थी. यह उनकी पढ़ाई पर ध्यान न दे पाने की प्रमुख वजह बनी.
2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप में चमके सितारे
शुभमन गिल ने आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2018 में सबसे ज्यादा रन बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. गिल का फोकस हमेशा क्रिकेट पर रहा और यही वजह रही कि पढ़ाई पीछे छूट गई लेकिन करियर चमक उठा.
टेस्ट कप्तान बनने तक का सफर
केवल 25 साल की उम्र में शुभमन गिल भारत की टेस्ट टीम के कप्तान बने, जो उनकी मेहनत और समर्पण का नतीजा है. हालांकि गिल की शैक्षिक योग्यता ज्यादा नहीं है, लेकिन क्रिकेट के प्रति जुनून और मेहनत ने उन्हें दुनिया के सबसे चर्चित खिलाड़ियों में शामिल कर दिया.