एलन मस्क ने एक पॉडकास्ट में अमेरिका की इमिग्रेशन नीति, खासकर H-1B वीजा को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं. उनके अनुसार, अमेरिका की कई तकनीकी सफलताओं में भारतीय प्रतिभाओं का बड़ा योगदान है. उन्होंने माना कि कुछ कंपनियों ने H-1B सिस्टम का दुरुपयोग किया है, जिससे एंटी-इमिग्रेशन नीतियों को बढ़ावा मिला, लेकिन उनका स्पष्ट मत है कि H-1B प्रोग्राम को खत्म करना बेहद गलत होगा. मस्क के विचार ऐसे वक्त में आए हैं जब हजारों भारतीय बढ़ती वीज़ा पाबंदियों के कारण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
एलन मस्क ने कहा कि अमेरिका हमेशा से दुनिया भर की प्रतिभाओं से लाभान्वित हुआ है और खासतौर पर भारत से. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनियों- टेस्ला, स्पेसएक्स, X और XAI का मुख्य फोकस दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली लोगों को साथ लाना है. मस्क के अनुसार, कठिन प्रोजेक्ट्स के लिए टैलेंट की कमी हमेशा रहती है और H-1B जैसे कार्यक्रम इस कमी को पूरा करने में बेहद जरूरी हैं.
मस्क ने स्वीकार किया कि H-1B सिस्टम का कुछ “गेमिंग” हुआ है. उन्होंने कहा कि कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियों ने वीज़ा प्रोग्राम का गलत तरीके से लाभ उठाया, जिससे यह धारणा बनी कि विदेशी कर्मचारी अमेरिकी नौकरियां ले रहे हैं. हालांकि, उनका कहना है कि समस्या सिस्टम के दुरुपयोग में है, प्रोग्राम को बंद करना समाधान नहीं है. वे इसे पूरी तरह खत्म करने के विचार के सख्त खिलाफ हैं.
हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा आवेदन फीस को बढ़ाकर 100,000 डॉलर करने का प्रस्ताव दिया, जो पहले 2,000-5,000 डॉलर थी. यह कदम उनके समर्थकों की मांग के बाद उठाया गया, जो H-1B पर दुरुपयोग और अमेरिकी बेरोजगारी का आरोप लगाते रहे हैं. इसके बावजूद ट्रंप ने कहा कि उच्च कौशल वाले लोगों का स्वागत किया जाना चाहिए, क्योंकि अमेरिका के पास कुछ विशेष क्षमताओं की कमी है.
अमेरिकी सरकारी डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष H-1B वीजा के 71 प्रतिशत लाभार्थी भारतीय थे, जबकि चीन 11.7 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा. यह वीजा अमेरिका में पढ़ाई कर चुके इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के लिए उच्च वेतन वाली नौकरियों और स्थायी निवास का रास्ता खोलता है. बढ़ती पाबंदियों ने भारतीय युवाओं के लिए अनिश्चितता और चिंता बढ़ा दी है.
मस्क ने अमेरिका की सीमा नीति पर भी टिप्पणी की. उनका कहना था कि बाइडन प्रशासन के दौरान सीमा नियंत्रण लगभग न के बराबर था, जिससे अवैध इमिग्रेशन बढ़ा. मस्क के अनुसार, अगर बिना नियंत्रण लोगों को प्रवेश मिलता रहेगा, तो यह गलत प्रोत्साहन पैदा करेगा और देश की संरचना कमजोर होगी. उनका मानना है कि मजबूत सीमा नियंत्रण और सुरक्षित, पारदर्शी इमिग्रेशन सिस्टम दोनों साथ-साथ चलने चाहिए.