छठ से पहले बढ़ा महंगाई का बोझ, पेट्रोल-डीजल के रेट ने तोड़ी आम आदमी की कमर

देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज फिर बदलाव हुआ है. सुबह छह बजे जारी हुए नए रेट आम लोगों की जेब पर सीधा असर डाल रहे हैं. दिल्ली मुंबई कोलकाता चेन्नई समेत कई शहरों में अलग अलग दाम देखने को मिले हैं.

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Babli Rautela

Petrol Diesel Price Today: हर दिन की शुरुआत अब सूरज की रोशनी के साथ नहीं, बल्कि पेट्रोल-डीजल की नई दरों से होती है. 26 अक्टूबर 2025 को भी तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने सुबह 6 बजे ईंधन की ताजा कीमतें जारी कीं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों और डॉलर-रुपए के उतार-चढ़ाव का सीधा असर आज के पेट्रोल और डीजल के दामों पर पड़ा है.

देशभर में पेट्रोल-डीजल की दरें ज्यादातर स्थिर हैं, लेकिन कुछ शहरों में मामूली बढ़ोतरी और गिरावट देखने को मिली है.

आपके शहर में आज का पेट्रोल-डीजल रेट

शहर पेट्रोल (₹/लीटर) डीजल (₹/लीटर)
नई दिल्ली ₹94.72 ₹87.62
मुंबई ₹104.21 ₹92.15
कोलकाता ₹103.94 ₹90.76
चेन्नई ₹100.75 ₹92.34
अहमदाबाद ₹94.49 ₹90.17
बेंगलुरु ₹102.92 ₹89.02
हैदराबाद ₹107.46 ₹95.70
जयपुर ₹104.72 ₹90.21
लखनऊ ₹94.69 ₹87.80
पुणे ₹104.04 ₹90.57
चंडीगढ़ ₹94.30 ₹82.45
इंदौर ₹106.48 ₹91.88
पटना ₹105.58 ₹93.80
सूरत ₹95.00 ₹89.00
नासिक ₹95.50 ₹89.50

पिछले दो सालों से क्यों स्थिर हैं कीमतें ?

मई 2022 में केंद्र और कई राज्यों ने टैक्स में कटौती की थी. उसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उल्लेखनीय स्थिरता देखी जा रही है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अक्सर ऊपर-नीचे होती हैं, लेकिन सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए दरों को तुलनात्मक रूप से स्थिर बनाए रखा है.

किन कारणों से तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

1. कच्चे तेल की कीमतें:
ईंधन का उत्पादन कच्चे तेल पर निर्भर करता है. जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं, तो भारतीय बाजार में पेट्रोल-डीजल महंगे हो जाते हैं.

2. डॉलर के मुकाबले रुपया:
भारत अधिकतर कच्चा तेल आयात करता है, जो डॉलर में खरीदा जाता है. अगर रुपया कमजोर होता है, तो पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ जाते हैं.

3. टैक्स और शुल्क:
केंद्र और राज्य सरकारें दोनों पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाती हैं. यही कारण है कि एक ही दिन अलग-अलग राज्यों में कीमतें अलग-अलग होती हैं.

4. रिफाइनिंग की लागत:
कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल में बदलने की प्रक्रिया (रिफाइनिंग) महंगी होती है. यह लागत भी अंतिम खुदरा मूल्य को प्रभावित करती है.

5. मांग और आपूर्ति का संतुलन:
त्योहारी सीजन या यात्रा के समय ईंधन की मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में हलचल आ सकती है.