Bigg Boss 19

इंडिगो पर आए संकट के बीच विदेश में छुट्टीयां मना रहे थे सीईओ... किसके दावे से मचा हड़कंप

इंडिगो पर उभरे गहरे परिचालन संकट के बीच एक कथित व्हिसलब्लोअर पत्र ने कंपनी के टॉप मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दावा है कि गलत फैसलों, कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव और अव्यवस्थित प्रबंधन ने एयरलाइन को इस स्थिति तक पहुंचाया, जबकि संकट के दौरान सीईओ विदेश में छुट्टी मना रहे थे.

Social Media
Babli Rautela

देश की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो इस समय अपने इतिहास के सबसे गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है. बीते एक हफ्ते में सैकड़ों उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों में नाराजगी बढ़ी है और एयरलाइन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं. यह समस्या सिर्फ संचालन में आई गड़बड़ी तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब यह एक बड़े कॉर्पोरेट विवाद का रूप भी ले चुकी है.

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक गुमनाम व्हिसलब्लोअर का लेटर वायरल हो रहा है, जिसने कंपनी के प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. लेटर लिखने वाले ने खुद को इंडिगो का कर्मचारी बताया है और कहा है कि मौजूदा संकट अचानक नहीं आया, बल्कि कई सालों से बने हुए खराब प्रबंधन का नतीजा है.

गलत फैसलों से बढ़ा दबाव 

व्हिसलब्लोअर के अनुसार इंडिगो में लंबे समय से ऐसी कार्य प्रणाली चल रही थी जिसने कर्मचारियों को चरम तक थका दिया था. आरोप है कि रोस्टर ड्यूटी को लेकर कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हुई. कई बार उन्होंने अपनी मानसिक और शारीरिक क्षमता से अधिक काम किया, लेकिन प्रबंधन ने इस स्थिति की ओर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया.

पत्र में हालांकि कोई दस्तावेज या सबूत नहीं दिया गया है और न ही लेखक ने अपनी पहचान उजागर की है. एयरलाइन की ओर से भी अब तक इस पत्र पर किसी तरह का कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है.

संकट के बीच विदेश में छुट्टी पर थे सीईओ

पत्र में इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स के साथ वरिष्ठ अधिकारियों इसिडोर पोर्केरस, आसिम मित्रा और जेसन हर्टर को भी इस संकट के लिए जिम्मेदार बताया गया है. दावा है कि जब कंपनी सबसे बड़े संकट का सामना कर रही थी, उस समय सीईओ एल्बर्स नीदरलैंड में छुट्टियां मना रहे थे. यह आरोप सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और यूजर्स ने कंपनी की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने शुरू कर दिए.

पत्र का एक हिस्सा विशेष रूप से चर्चा में है जिसमें लिखा है कि अगर आप उन्हें यात्री कहेंगे तो वे समझेंगे कि एयरलाइन उनकी है. यह पंक्ति एयरलाइन के कथित बदले हुए रवैये को उजागर करती है. आरोप है कि कंपनी अब यात्रियों को ग्राहक के बजाय बोझ की तरह देखने लगी है. इस दावे ने यात्रियों की नाराजगी को और बढ़ा दिया है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में लोग फ्लाइट कैंसिल और देरी की शिकायत कर रहे हैं.

सरकार से की गई मांगें

लेटर के लेखक ने सरकार से कहा है कि ग्राउंड स्टाफ के लिए न्यूनतम वेतन तय किया जाए और हर विमान के लिए पर्याप्त स्टाफ अनिवार्य हो. साथ ही थकान से जुड़े नियमों की समीक्षा में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की गई है. दावा है कि लागत नियंत्रण और तेज विस्तार की होड़ में एयरलाइन का सुरक्षा ढांचा कमजोर हो गया है और अब उसके नतीजे सामने आ रहे हैं.

नागर विमानन महानिदेशालय डीजीसीए पहले ही इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है. नोटिस में योजना, निगरानी और संसाधनों के प्रबंधन में गंभीर कमी का आरोप लगाया गया है. डीजीसीए ने सीईओ पीटर एल्बर्स से जवाब मांगा है, जिससे एयरलाइन पर और दबाव बढ़ गया है.