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GST कलेक्शन में भारत ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2024-25 में सरकार को मिले 22.08 करोड़, पढ़ें पूरी डिटेल

 यह आंकड़ा पिछले पांच वर्षों में दोगुना हो गया है, क्योंकि 2020-21 में यह 11.37 लाख करोड़ रुपये था, जब मासिक औसत 95,000 करोड़ रुपये था.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
GST

भारत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में वस्तु और सेवा कर (GST) की अब तक की सबसे अधिक सकल वसूली दर्ज की, जो 22.08 लाख करोड़ रुपये रही. सोमवार, 30 जून 2025 को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 9.4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्शाता है.

रिकॉर्ड तोड़ जीएसटी संग्रह कर सरकार ने प्रेस नोट में कहा, “2024-25 में, जीएसटी ने 22.08 लाख करोड़ रुपये की अपनी सर्वकालिक उच्चतम सकल वसूली दर्ज की, जो सालाना 9.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है. औसत मासिक वसूली 1.84 लाख करोड़ रुपये रही.”

पिछले 5 सालों में दोगुना जीएसटी कलेक्शन

 यह आंकड़ा पिछले पांच वर्षों में दोगुना हो गया है, क्योंकि 2020-21 में यह 11.37 लाख करोड़ रुपये था, जब मासिक औसत 95,000 करोड़ रुपये था.

भारत में करदाताओं की संख्या

भारत में 1.51 करोड़ से अधिक सक्रिय जीएसटी पंजीकरण हैं, जिनमें 1.32 करोड़ सामान्य करदाता, 14.86 लाख कम्पोजिशन करदाता, और 3.71 लाख टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) करदाता शामिल हैं. सरकार ने कहा, “2020-21 में कुल वसूली 11.37 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2021-22 में बढ़कर 14.83 लाख करोड़, 2022-23 में 18.08 लाख करोड़, और 2023-24 में 20.18 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो अनुपालन और आर्थिक गतिविधियों में निरंतर वृद्धि को दर्शाता है.” 

मई 2025 की जीएसटी वसूली

समाचार एजेंसी पीटीआई ने 1 जून 2025 को सरकारी आंकड़ों के हवाले से बताया कि मई 2025 में जीएसटी वसूली 16.4 प्रतिशत बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई. घरेलू लेनदेन से सकल राजस्व 13.7 प्रतिशत बढ़कर 1.50 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि आयात से जीएसटी राजस्व 25.2 प्रतिशत बढ़कर 51,266 करोड़ रुपये हो गया. मई 2025 के लिए केंद्रीय जीएसटी राजस्व 35,434 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी राजस्व 43,902 करोड़ रुपये, और एकीकृत जीएसटी 1.09 लाख करोड़ रुपये रहा. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मई में कुल जीएसटी रिफंड 4 प्रतिशत घटकर 27,210 करोड़ रुपये रहा. 

GST के आठ साल 

1 जुलाई 2025 को, भारत जीएसटी लागू होने के आठ साल पूरे करेगा. यह उपलब्धि देश में कर सुधारों और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को रेखांकित करती है.