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India Daily

Retail Inflation: मकर सक्रांति के दिन आई गुड न्यूज, खुदरा महंगाई दर में बड़ी गिरावट

भारत के लिए 2025 में महंगाई में राहत मिलना निश्चित रूप से घरों के लिए कुछ संतोषजनक साबित होगा, लेकिन खाद्य पदार्थों की कीमतों में उतार-चढ़ाव और आर्थिक चुनौतियां बनी रहेंगी. RBI का संतुलित दृष्टिकोण और सरकार की नीति हस्तक्षेप महंगाई को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

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Edited By: Mayank Tiwari
दिसंबर में 4 महीने के लोअर लेवल पर महंगाई
Courtesy: Social Media

Retail Inflation: भारत की खुदरा महंगाई दिसंबर 2024 में 5.22% पर आ गई, जो पिछले चार महीनों का सबसे कम स्तर है. ऐसे में इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि की धीमी गति थी. बता दें कि, यह आंकड़ा भारतीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी किया गया. यह महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2-6% के लक्ष्य सीमा के भीतर निरंतर गिरावट को दर्शाती है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा महंगाई में कमी का मुख्य कारण खाद्य महंगाई में आई गिरावट थी, जो नवंबर में 9.04% से घटकर दिसंबर में 8.39% पर आ गई. वहीं, मौसमी कारणों और आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार ने इस धीमी वृद्धि में योगदान दिया. हालांकि, मांस, मछली, अंडे और फलों जैसी कुछ श्रेणियों में पिछले महीने की तुलना में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं.

खाद्य महंगाई में कमी का प्रमुख योगदान

खाद्य पदार्थों की कीमतें पिछले एक साल से ऊंची बनी हुई थीं, जो नवंबर 2023 से जून 2024 के बीच 7% से अधिक रही थीं, जिसका मुख्य कारण मानसून की असमान वर्षा था. हालांकि, राहत के बावजूद, खाद्य पदार्थों की कीमतों में उतार-चढ़ाव अभी भी अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के लिए चिंता का कारण है.

राज्यवार महंगाई के रुझान

महंगाई दर राज्यों में विभिन्नता रही, जिसमें 22 में से 13 राज्यों में महंगाई राष्ट्रीय औसत 5.22% से अधिक रही. इस कड़ी में आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में महंगाई दर राष्ट्रीय औसत से कम रही, जो स्थानीय मूल्य दबावों में भिन्नता को दर्शाता है.

RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव  

RBI ने दिसंबर 2024 में अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में बेंचमार्क रेपो दर 6.5% पर बनाए रखी, जो मौद्रिक नीति के प्रति सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाता है. केंद्रीय बैंक ने महंगाई को अपने मध्यकालिक लक्ष्य 4% के अनुरूप लाने और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया. इसके साथ ही आगे बढ़ते हुए, RBI का अनुमान है कि फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए CPI महंगाई औसतन 4.8% रहेगी, जो पहले के अनुमान 4.5% से बढ़ी है, मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार दबाव और कमजोर उपभोग मांग के कारण हो रहा है.