'महज ढाई से तीन सालों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत, अगर....', NITI CEO
IMF के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक दशक में भारत की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हो गई है, जो 2013-14 में 1,438 डॉलर से बढ़कर 2025 में 2,880 डॉलर हो गई है. IMF का अनुमान है कि 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.2% की दर से बढ़ेगी, जो पहले के 6.5% के अनुमान से थोड़ा कम है.

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि भारत ने जापान को पछाड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लिया है. उन्होंने दावा किया कि यदि अगले 2.5-3 वर्षों में योजनाएं सही दिशा में चलीं, तो भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को कहा, "हम इस समय 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं." अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया, "केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी हमसे आगे हैं." उन्होंने आगे कहा, "यदि हम अपनी योजनाओं और सोच के अनुसार चलते रहे, तो 2.5-3 वर्षों में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे." 2024 तक भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था रैंकिंग में पांचवें स्थान पर था. IMF की अप्रैल विश्व आर्थिक आउटलूक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.19 ट्रिलियन डॉलर होगा, जो जापान से थोड़ा अधिक है.
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
IMF के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक दशक में भारत की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हो गई है, जो 2013-14 में 1,438 डॉलर से बढ़कर 2025 में 2,880 डॉलर हो गई है. IMF का अनुमान है कि 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.2% की दर से बढ़ेगी, जो पहले के 6.5% के अनुमान से थोड़ा कम है. वैश्विक अनिश्चितताओं और बढ़ते व्यापार तनाव के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत निजी खपत के कारण भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है.
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
नीति आयोग के नए रणनीति दस्तावेज "विकसित भारत @ 2047" में भारत के दीर्घकालिक विकास का खाका तैयार किया गया है. यह दस्तावेज बताता है कि एक दशक पहले "फ्रैजाइल फाइव" में शामिल भारत अब शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में है. इसका लक्ष्य 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और उच्च आय वाले देशों के बराबर प्रति व्यक्ति आय हासिल करना है. इसके लिए छह प्रमुख आधारभूत क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है: मैक्रो-इकनॉमिक लक्ष्य, सशक्त नागरिक, टिकाऊ अर्थव्यवस्था, तकनीकी नेतृत्व, वैश्विक नेतृत्व, और सुशासन.