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India Daily

Myntra पर ED का एक्शन, ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर पर क्यों लगे ₹1,654 करोड़ के FDI नियमों के उल्लघंन के आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने Myntra डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड (मिंत्रा) और उसकी संबंधित कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ 1654,35,08,98 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत शिकायत दर्ज की है.

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Edited By: Mayank Tiwari
ED Filed case Myntra
Courtesy: Social Media

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को Myntra डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड, इसकी सहयोगी कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत शिकायत दर्ज की. ईडी ने Myntra पर 1,654.35 करोड़ रुपये के उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसमें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नीति का उल्लंघन शामिल है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी का कहना है कि, Myntra और इसकी सहयोगी यूनिटों ने खुद को "होलसेल कैश एंड कैरी" कारोबार के रूप में पेश किया, जबकि वास्तव में वे मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेड (MBRT) गतिविधियों में शामिल थे. यह कदम FDI नीति का स्पष्ट उल्लंघन है, जो मल्टी-ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश पर सख्त शर्तें लगाती है.

FDI नीति का कथित उल्लंघन

ईडी का दावा है कि Myntra ने अपनी अधिकांश बिक्री एम/एस वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से की, जो उसी कॉर्पोरेट समूह की कंपनी है. यह कंपनी सीधे अंतिम उपभोक्ताओं को सामान बेचती थी.

B2C लेनदेन को B2B के रूप में छिपाने का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि वेक्टर ई-कॉमर्स को जानबूझकर इस तरह स्थापित किया गया था ताकि रिटेल (B2C) लेनदेन को कागजों पर होलसेल (B2B) लेनदेन के रूप में दिखाया जाए. यह कदम मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग पर FDI प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए उठाया गया था. ईडी का कहना है कि Myntra ने इस रणनीति के जरिए नियमों का उल्लंघन किया और बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कीं.

कानूनी कार्रवाई और जांच

ईडी ने अपनी जांच में पाया कि मिंत्रा की यह रणनीति न केवल FDI नीति के खिलाफ थी, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं भी हुईं. इस शिकायत के बाद मिंत्रा और उसकी सहयोगी कंपनियों पर कड़ी निगरानी और संभावित दंड की तलवार लटक रही है. यह मामला ई-कॉमर्स क्षेत्र में FDI नियमों के पालन पर गहन बहस को जन्म दे सकता है.