कड़कती ठंड में दो पहियों पर खतरा, सही टायर चुनेंगे तो सुरक्षित रहेगी हर राइड
जोरदार सर्दी के मौसम में सड़क हादसों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है, खासकर बाइक सवारों के लिए. ठंडी हवा, कोहरा और फिसलन भरी सड़कें संतुलन बिगाड़ सकती हैं.
नई दिल्ली: सर्दियों में सुबह और रात के समय बाइक चलाना चुनौती से भरा होता है. कोहरा और ठंडा तापमान सड़क की पकड़ को कमजोर कर देता है.
कई हादसे इसी वजह से होते हैं कि टायर मौसम के अनुसार उपयुक्त नहीं होते. अगर आप बाइकर हैं तो सर्दी में टायर को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है.
सर्द मौसम में टायर की ग्रिप क्यों होती है कमजोर
ठंड के मौसम में सड़क का तापमान गिरने से टायर की रबर सख्त हो जाती है. इसका सीधा असर ग्रिप पर पड़ता है. सामान्य टायर ठंडी सतह पर उतनी पकड़ नहीं बना पाते, जिससे स्लिप होने का खतरा बढ़ जाता है. खासकर मोड़ पर या अचानक ब्रेक लगाने के दौरान बाइक असंतुलित हो सकती है.
विंटर टायर का विकल्प क्यों है बेहतर
सर्दियों के लिए बने टायर सॉफ्ट रबर कंपाउंड से तैयार किए जाते हैं. यह कंपाउंड कम तापमान में भी लचीला रहता है और सड़क से बेहतर पकड़ बनाता है. इन टायरों का ट्रेड पैटर्न भी ऐसा होता है कि पानी और नमी जल्दी बाहर निकल जाए, जिससे फिसलन कम होती है और कंट्रोल बना रहता है.
ऑल वेदर टायर भी हो सकते हैं कारगर
अगर अलग से विंटर टायर लगवाना संभव न हो तो ऑल वेदर टायर एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं. ये टायर ठंड और हल्की बारिश दोनों में संतुलित प्रदर्शन देते हैं. हालांकि बर्फीले या ज्यादा ठंडे इलाकों में इनकी सीमाएं होती हैं, लेकिन सामान्य सर्दी में ये स्टैंडर्ड टायर से ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं.
टायर प्रेशर और मेंटेनेंस पर दें ध्यान
सर्दियों में टायर प्रेशर अपने आप कम हो जाता है. कम प्रेशर से बाइक की स्टेबिलिटी प्रभावित होती है. इसलिए नियमित रूप से टायर प्रेशर चेक करना जरूरी है. साथ ही टायर में कट, घिसाव या दरार न हो, इसका ध्यान रखना भी हादसों से बचने में मदद करता है.
सुरक्षित राइड के लिए अतिरिक्त सावधानियां
सिर्फ सही टायर ही नहीं, बल्कि राइडिंग स्टाइल में भी बदलाव जरूरी है. ठंड में तेज रफ्तार से बचें और ब्रेक धीरे लगाएं. गीली या कोहरे वाली सड़कों पर ज्यादा सतर्क रहें. सही टायर और समझदारी भरी राइडिंग मिलकर सर्दी के मौसम में बाइकिंग को सुरक्षित बना सकती है.