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जानिए कौन थे राजा दशरथ के दामाद, जिनके कारण जन्मे राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न

Ramayana Facts: भगवान श्रीराम चार भाई थे, ये तो हर कोई जानता है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि भगवान श्रीराम की एक बहन भी थीं. उनके पति के कारण ही भगवान श्रीराम और उनके तीन भाइयों का जन्म हुआ था. 

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: social media

Ramayana Facts: रामायण महाकाव्य को ऋषि वाल्मीकि ने लिखा था. वहीं, इसके अलावा भी कई रामायण लिख गई हैं. गोस्वामी तुलसीदास ने राम चरित मानस की रचना की थी. इन सभी रामयाणों में कई सारे वृतांतों को वर्णन मिलता है. रामायण से जुड़े सभी मूल चरित्रों को लगभग सभी लोग जानते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी पात्र थे, जिनका ज्यादा जिक्र नहीं किया गया. इन्हीं में से एक थीं भगवान श्रीराम की बहन. अधिकतक लोग जानते हैं कि राजा दशरथ के चार पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न ही थे, लेकिन सच्चाई ये नहीं है. 

अयोध्या के राजा दशरथ के एक पुत्री भी थी. जिनका जन्म माता कौशल्या के गर्भ से हुआ था. इनका जन्म भगवान श्रीराम से पहले हुआ था. इस कारण ये उनकी बड़ी बहन थीं. भगवान श्रीराम की बड़ी बहन का नाम शांता था. वे सर्वगुण संपन्न थीं. एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार राजा दशरथ से मिलने अंगदेश के राजा रोमपद अपनी पत्नी वर्षिणी के साथ राजा दशरथ और माता कौशल्य से मिलने अयोध्या आए. राजा रोमपद की पत्नी वर्षिणी माता कौशल्या की बहन थीं. उन्होंने राजा दशरथ और माता कौशल्य के सामने संतानहीन होने  की बात रखी और शांता को गोद लेने की इच्छा जताई. इस पर राजा दशरथ ने उनकी बात को समझा और अपनी पुत्री को उसकी मौस वर्षिणी को सौंप दिया. 

अंगदेश की बनी राजकुमारी

जब अंगदेश के राजा ने प्रभु श्रीराम की बहन शांता को गोद ले लिया तो वे इस देश की राजकुमारी बन गयीं. एक बार उनके पिता राजा रोमपद शांता से वार्तालाप कर रहे थे. उस समय एक गरीब ब्राह्मण उनसे मिल आए तो अपनी पुत्री से वार्तालाप में व्यस्त होने के कारण वे ब्राह्मण की बात को नहीं सुन पाए. इस बात ब्राह्मण देव रुष्ट होकर वापस चले गए. वह ब्राह्मण इंद्र देव के भक्त थे. इस कारण इंद्र देव अपने भक्त का अपमान सहन नहीं कर पाए तो उन्होंने पूरे देश में सूखा कर दिया. इस सूखे से निजात पाने के लिए अंगदेश के राजा ऋष्यशृंग ऋषि के पास पहुंचे. उन्होंने ऋष्यशृंग ऋषि को पूरी बात  बताई और उनसे इसका उपाय पूछा तो उन्होंने यज्ञ के माध्यम से इंद्रदेव को प्रसन्न करने का उपाय बताया. राजा ने ऋषि के अनुसार ही काम किया तो सभी खेत खलिहान पानी से भर गए. 

पुत्री का कराया विवाह

अंगदेश के राजा रोमपद ने अपनी पुत्री शांता का विवाह ऋष्यशृंग ऋषि के साथ कर दिया. इसके बाद वे सुखपूर्व क रहने लगे. इस कारण ऋष्यशृंग ऋषि राजा दशरथ के दामाद हो गए. 

ऐसे हुआ श्रीराम का जन्म

ऋष्यशृंग ऋषि ने ही राजा दशरथ के लिए पुत्र कामेष्ट यज्ञ कराया था. इससे ही राजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी. जहां पर ऋष्यशृंग ऋषि ने यज्ञ कराया था. आज भी वह जगह अयोध्या से 39 किमी दूर पूर्व में स्थित है. वहां आज भी उनका आश्राम बना है. मान्यता है कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ऋष्यशृंग ऋषि का मंदिर है. यहां माता शांता का भी पूजन किया जाता है. वैसे यह मंदिर कुल्लू से 50 किमी दूरी पर है. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.