Yashoda Jayanti 2024 : भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म भले ही माता देवकी के गर्भ से लिया हो, लेकिन उनका पालन पोषण माता यशोदा ने ही किया . इस कारण मां यशोदा को भगवान श्रीकृष्ण की माता के रूप में जाना जाता है. माता यशोदा का पूजन संतान को दीर्घायु प्रदान करता है.
फाल्गुन माह की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जा रही है. इस दिन माता यशोदा का जन्मदिन होता है. इस पर्व को गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के राज्यों में मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और माता यशोदा का पूजन किया जाता है. धर्म शास्त्रों में माता यशोदा को भी पूजनीय माना गया है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है. साल 2024 में कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 1 मार्च को सुबह 6 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 2 मार्च की सुबह 7 बजकर 53 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार यशोदा जयंती 1 मार्च को ही मनाई जाएगी.
यशोदा जयंती को माताओं के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं. इस पर्व को मां और बच्चे के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. यशोदा जयंती पर व्रत रखने से बच्चों को लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है. संतान की कामना से अगर इस व्रत को किया जाए तो जल्द ही संतान की प्राप्ति होती है.
यशोदा जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर घर के मंदिर को साफ करें. माता यशोदा की ऐसी तस्वीर को स्थापित करें, जिसमें कान्हा जी उनकी गोद में हों. इसके बाद माता यशोदा और कान्हा जी को तिलक लगाएं. फूल और फल माता यशोदा को अर्पित करें. इसके साथ ही उनके सामने घी का दीपक जलाएं. माता को लाल चुनरी ओढ़ाएं. इसके बाद मिठाई और मक्खन का भोग लगाएं. सबसे अंत में आरती करें. इस दिन गायत्री मंत्र का पाठ अवश्य करें.
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