Ratna Jyotish: ज्योतिष में रत्नों का प्रयोग व्यक्ति की समस्या के अनुसार किया जाता है. दरअसल रत्नों को धारण करने से लोगों की समस्याएं दूर होने लगती हैं. ज्योतिष के जानाकारों के अनुसार ये रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंधित होते हैं. ऐसे में जो भी ग्रह अशुभ फल दे रहा होता है. ज्योतिषाचार्य उस ग्रह से संबंधित रत्न पहनने की सलाह देते हैं. इसके साथ ही ज्योतिषाचार्य आपको कोई भी रत्न पहनने की सलाह देने पहले आपकी कुंडली और राशि के बारे में अध्य्यन कर लेते हैं. इससे उन्हें यह पता चल जाता है कि आपके जीवन की परेशानियां किस ग्रह के अशुभ प्रभाव से उत्पन्न हुई हैं.
रत्नों को कुछ ज्योतिषाचार्य राशि के अनुसार भी पहनने के लिए कहते हैं. वहीं कुछ इनको ग्रहों की अनुकूलता के अनुसार पहनने की सलाह देते हैं. यह स्थिति और समस्या पर निर्भर करता है. कुछ रत्नों को चांदी तो कुछ को सोना या तांबे में पहनाया जाता है. वहीं, कुछ को माला के रूप में पहनने की सलाह दी जाती है. सभी 12 राशि वालों के लिए अलग-अलग रत्न होते हैं. आइए जानते हैं कि कौन सा रत्न किस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है.
माणिक्य रत्न- सूर्य ग्रह
मोती- चंद्रमा ग्रह
मूंगा रत्न- मंगल ग्रह
पन्ना रत्न- बुध ग्रह
पुखराज, फिरोजा- बृहस्पति ग्रह
हीरा या फिरोजा रत्न- शुक्र ग्रह
नीलम रत्न- शनि ग्रह
गोमेद रत्न- राहु ग्रह
लहसुनिया रत्न- केतु ग्रह
जब हम अपनी समस्या के अनुरूप रत्न पहनते हैं तो हमें समस्या से मुक्ति मिलनी शुरू हो जाती है. जब जीवन में कोई समस्या आती है तो उसका कारण ग्रहों का अशुभ प्रभाव होता है.ग्रहों के इस अशुभ प्रभाव से मुक्ति दिलाने के लिए ज्योतिष आपको रत्न पहनने की सलाह देते हैं. रत्न के पहनने के बाद धीरे-धीरे वह ग्रह आपको शुभ फल देना शुरू कर देता है. इससे आपकी किस्मत चमकने लगती है.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.