Margashirsha Shivratri 2024: मार्गशीर्ष शिवरात्रि, भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक मानी जाती है. इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और पूजा करते हैं ताकि भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकें. विशेष रूप से इस दिन किए गए उपायों से कालसर्प दोष, पितृ दोष और अन्य ज्योतिषीय समस्याओं का निवारण होता है. साथ ही, भक्तों की सभी इच्छाएं भी पूरी होती हैं.
इस साल मार्गशीर्ष शिवरात्रि आज, शुक्रवार, 29 नवंबर को मनाई जाएगी. इसे अगहन शिवरात्रि भी कहा जाता है. इस दिन शोभन योग और स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो पूजा के महत्व को और बढ़ा देता है. मार्गशीर्ष मास की चौदहवीं तिथि 29 नवंबर को सुबह 08:39 बजे से शुरू होकर 30 नवंबर को सुबह 10:29 बजे तक रहेगी.
भगवान शिव की पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इस दिन विशेष रूप से तंत्र-मंत्र साधना का महत्व बढ़ जाता है. शिव पूजा से कालसर्प दोष, पितृ दोष और अन्य सभी संकटों का निवारण होता है, साथ ही परिवार में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है.
शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के बाद स्नान करें, फिर स्वच्छ वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव की पूजा विधिपूर्वक करें. पूजा के बाद, एक आसन पर बैठकर, उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ध्यान लगाएं और भगवान शिव को स्मरण करते हुए रुद्राक्ष माला से शिव मंत्र का जाप करें.
यह ध्यान रखें कि मन में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता या क्रोध न हो. आप इन मंत्रों का जाप 108 बार कर सकते हैं, जो आपकी पूजा को और प्रभावशाली बनाएगा.