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मारुति से हनुमान कैसे बन गए वीर बजरंगबली

Lord Hanuman: रामभक्त हनुमान का बचपन का नाम मारुति था, फिर एक बार ऐसा घटना हुई कि उनका नाम हनुमान हो गया है. आइए जानते हैं कि बजरंगबली का नाम मारुति से हनुमान कैसे पड़ा.

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India Daily Live
Courtesy: pexels

Lord Hanuman: भगवान हनुमान का पूजन सभी प्रकार के संकटों को दूर करने वाला होता है. माना जाता है कि प्रभु के नाम मात्र से नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है. इसके साथ ही प्रभु सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं. हनुमान जी कलयुग के जाग्रत देवों में से एक हैं,लेकिन क्या आप जानते हैं कि बचपन में हनुमान जी का नाम मारुति था. 

वानरराज केसरी और माता अंजनी के घर जन्मे बालक का नाम मारुति था. मारुति, भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार हैं. वे अत्यंत बलशाली और व्रज के समान शरीर वाले हैं. इसके साथ ही वे कंधे पर जनेऊ धारण करते हैं. उनके सिर पर मुकुट और हाथों में गदा है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान मारुति को अमरत्व प्राप्त है. वे कलयुग के जाग्रत देव हैं. एक प्रसंग के अनुसार हनुमान जी का नाम मारुति ही था फिर एक घटना के बाद उनका नाम हनुमान हो गया. 

इस कारण नाम पड़ा हनुमान

जब भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार का जन्म वानरराज केसरी और माता अंजनी के घर पर हुआ तो उन्होंने एक बार अपनी माता से कुछ खाने को मांगा तो उस समय माता अंजनी कुछ काम कर रही थीं. इस कारण उन्होंने बालक मारुति से कहा कि बाहर जाकर फल खा लो. जो भी फल पके हुए हैं, ले खाने योग्य है. बालक मारुति भूख से व्याकुल थे. इस कराण वे बाहर जाकर फल खाने लगे. इतने में उन्हें आसमान में लाल रंग का सूर्य दिखाई दिया. 

सूर्य को समझा फल

भगवान मारुति ने सूर्य को पका फल समझकर उसे खाने का सोचा और पवन देव से जन्म के साथ मिली उड़ने की शक्ति का प्रयोग करते हुए वे सूरज को खाने निकल पड़े. इसके बाद उन्होंने सूरज को अपने मुख में रख लिया. ऐसा होने पर पूरी धरती पर अंधेरा छा गया और तीनों लोक में त्राहि-त्राहि मच गई. इंद्रलोक में भी हाहाकार मच गया, तो देवताओं ने इंद्र को बताया कि एक बालक ने सूर्यदेव को अपने मुख में रख लिया है. इसके बाद इंद्रदेव अपने ऐरावत पर सवार होकर आए और बालक मारुति से सूर्य को मुख से निकालने को बोला. ऐसा न करने पर वे इंद्र ने बालक मारुति की हनु (ठोड़ी) पर वज्र से प्रहार किया. वज्र के प्रहार से बालक हनुमान मू्र्छित हो गए. जब ये बात पवनदेव को पता चली तो उन्होंने पूरी धरती से हवा को छीन लिया. 

ब्रह्मा जी ने दिया वरदान

इसके बाद सभी देव ब्रह्मा जी के पास गए और उनसे इस समस्या का सामाधान के लिए बोला तो ब्रह्मा जी ने जैसे ही बालक मारुति पर हाथ फेरा तो उनको होश आ गया. इसके बाद सारे देवताओं ने बालक मारुति को वरदान दिए. वहीं, इंद्र ने कहा कि मेरे वज्र के प्रहार से बालक तेरी हनु टूटी है, इस कारण आज से तेरा नाम हनुमान है.

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.