नई दिल्ली. शिवपुराण के अनुसार सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से महादेव अपने भक्तों पर तुरंत प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही इस पवित्र महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से इसका दोगुना फल भी प्राप्त होता है. माना जाता है कि अकाल मृत्यु, महारोग, धन-हानि, गृह क्लेश, ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसे स्थितियों में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है.
सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जप करना बेहद ही असरदार होता है, लेकिन इसका जाप करते समय आपको इसके सही उच्चारण का भी ध्यान रखना चाहिए.
'ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।॥'
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं. इस पूरे विश्व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि हमें मोक्ष की प्राप्ति हो जाए.
महामृत्युंजय मंत्र से मिलते हैं कई लाभ
महामृत्युंजय मंत्र बेहद ही प्रभावशाली माना जाता है, इस मंत्र का जाप करने से कई सारे लाभ होते हैं.
गंभीर रोगों से मिलती है मुक्ति
अगर आपके घर में कोई गंभीर रूप से बीमार है और उसकी मृत्यु की चिंता आपको सता रही है तो सावन के महीने में आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं. अगर आप इसे स्वयं नहीं कर सकते हैं, तो किसी सिद्ध ब्राह्मण से इस मंत्र का जाप करा सकते हैं. मान्यता है कि इस मंत्र में इतनी ताकत है कि यह मरते हुए व्यक्ति को भी जीवित कर सकता है.
अकाल मृत्यु से रक्षा करता है यह मंत्र
शिवपुराण के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र में मृत्यु का टालने तक की शक्ति होती है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली या हाथ की रेखाओं में अकाल मृत्यु का योग है तो उसे रोजाना महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. यह मंत्र आपकी रक्षा करेगा. अगर कुंडली में गंभीर बीमारी या दुर्घटना से मृत्यु का योग है तो भी इस मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है.
धन में होती है वृद्धि
जो भी लोग धन की कमी से जूझ रहे हैं, उन्हें इस सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र को करने से व्यापार में लाभ होने लगता है. इसके साथ ही नौकरी में रुकी हुई तरक्की होने लगती है. इसके जाप से पुराने कर्ज से भी मुक्ति मिलती है. शिवलिंग के समीप बैठकर इस मंत्र को करने से काफी लाभ मिलता है.
भयमुक्त रखता है इस मंत्र का जाप
आपको किसी अनहोनी का डर सताता है या फिर मन अशांत रहता है तो आपको रोजाना कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए.
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जाप करने के लिए अपनाएं ये नियम
1- महामृत्युंजय मंत्र का जाप आसन पर बैठकर ही करना चाहिए. इसके लिए कुश का आसन काफी अच्छा माना जाता है.
2- घर या मंदिर, कोई एक जगह निर्धारित करें, जहां आप प्रतिदिन इस मंत्र का जाप कर सकें.
3- इस मंत्र का जाप करते समय याद रखें कि इसका उच्चारण ठीक ढंग से हो और रोजाना इस मंत्र के जाप की संख्या बढ़ाने की कोशिश करें, इसको कम न करें.
4- मंत्र का जाप करते समय धूप और दीपक सदैव जलाकर रखें.
5- मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए.
6- जितने दिन इस मंत्र का जाप करें, उतने दिन प्याज, लहसुन और मांसाहार का सेवन न करें.
7- इस मंत्र का जाप सदैव पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए. जाप करते समय मन को एकाग्रचित रखें.
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