जैसे-जैसे एक और साल खत्म होने की ओर बढ़ रहा है, दुनिया भर में भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. इसी बीच प्राचीन भविष्यवक्ताओं और आधुनिक ज्योतिषियों की भविष्यवाणियां सोशल मीडिया और इंटरनेट पर फिर चर्चा में हैं.
इसी बीच बुल्गारिया की रहस्यमयी दृष्टिहीन भविष्यवक्ता बाबा वेंगा का नाम एक बार फिर उभरा है. उनके अनुयायी 2026 से जुड़ी एक डरावनी चेतावनी को दोबारा पढ़ रहे हैं, जो तकनीक और नैतिकता के टकराव की ओर इशारा करती है.
बाबा वेंगा का असली नाम वेंगेलिया पांदेवा गुश्तेरोवा था. वे बचपन में एक दुर्घटना के बाद दृष्टिहीन हो गई थीं. उनका निधन 1996 में स्तन कैंसर के कारण हुआ. उनके समर्थकों का मानना है कि उन्होंने हजारों भविष्यवाणियां की थीं, जो वर्ष 5079 तक जाती हैं. हालांकि उनकी कोई लिखित भविष्यवाणी मौजूद नहीं है, उनके विचार परिवार के सदस्यों, खासकर भतीजी क्रासिमीरा स्टोयानोवा के जरिए सामने आए.
अनुयायियों के अनुसार, बाबा वेंगा ने 2026 को ऐसा साल बताया था, जब मानव सभ्यता यह समझेगी कि वह 'हद से आगे निकल चुकी है.' यह चेतावनी किसी एक बड़ी तबाही की नहीं, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ते वैश्विक तनाव, नैतिक उलझनों और वैज्ञानिक प्रगति के दुष्परिणामों से जुड़ी मानी जाती है. माना जाता है कि यह आत्मबोध समाज और विशेषज्ञों दोनों स्तरों पर होगा.
इस भविष्यवाणी का केंद्र तकनीक और नैतिकता का टकराव है. समर्थकों का दावा है कि बाबा वेंगा ने ऐसे दौर की ओर संकेत किया था, जब तकनीकी प्रगति मानव रिश्तों और मूल्यों को बदल देगी. खासतौर पर विज्ञान और स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से हो रहे प्रयोग समाज को असहज सवालों के सामने खड़ा करेंगे- क्या हर संभव चीज करना सही है, या कहीं रुकना भी जरूरी है?
बाबा वेंगा से जुड़ी व्याख्याओं में कृत्रिम जैविकी और अंग प्रत्यारोपण का भी जिक्र मिलता है. कहा जाता है कि उन्होंने 2046 तक कृत्रिम अंगों के बड़े पैमाने पर उत्पादन की बात कही थी. वहीं 2026 तक कुछ देशों में ऐसे ब्लड टेस्ट शुरू होने की चर्चा है, जो शुरुआती चरण में कई तरह के कैंसर पकड़ सकते हैं. इससे उम्मीद के साथ-साथ गलत रिपोर्ट और खर्च को लेकर चिंता भी जताई जाती है.
बाबा वेंगा के समर्थक उन्हें 9/11 हमले, प्रिंसेस डायना की मौत और प्राकृतिक आपदाओं से जोड़ते हैं. वहीं आलोचकों का कहना है कि उनकी भविष्यवाणियां अस्पष्ट हैं और बाद की घटनाओं से जोड़ी जाती हैं. सच जो भी हो, 2026 को लेकर उनकी चेतावनी आज के तकनीकी युग में लोगों को सोचने पर मजबूर जरूर करती है.