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Anant Chaturdashi 2025: आज अनंत चतुर्दशी के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, सभी दुख-दर्द होंगे दूर!

Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. इस दिन गणेश विसर्जन और भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि व्रत और कथा सुनने से दुख दूर होते हैं, घर में सुख-समृद्धि आती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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Edited By: Princy Sharma
Anant Chaturdashi 2025
Courtesy: Pinterest

Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी का पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है. यह दिन बेहद खास माना जाता है क्योंकि इस दिन गणेश विसर्जन के साथ-साथ भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की सारी परेशानियां खत्म होती हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. साथ ही, व्रत कथा सुनने और सुनाने से हर मनोकामना पूरी होती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाभारत काल में जब युधिष्ठिर और उनके भाई वनवास में कठिन कष्ट झेल रहे थे, तब भगवान कृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने का सुझाव दिया. कृष्ण ने बताया कि इस व्रत को करने से खोया हुआ राज्य भी वापस मिल सकता है. युधिष्ठिर ने विधि-विधान से यह व्रत किया और अंततः पांडवों को महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त हुई.

व्रत कथा

व्रत कथा के अनुसार, प्राचीन समय में एक ब्राह्मण की पुत्री सुशीला का विवाह कौण्डिन्य ऋषि से हुआ था. विवाह के बाद जब वे नदी किनारे रुके तो सुशीला ने वहीं अनंत भगवान का व्रत कर 14 गांठों वाला डोरा हाथ में बांध लिया. लेकिन कौण्डिन्य ऋषि ने इसे अंधविश्वास मानकर डोरे को जला दिया. इसके परिणामस्वरूप उनका सारा धन और वैभव नष्ट हो गया. 

जब कौण्डिन्य ऋषि ने पश्चाताप किया और भगवान अनंत की खोज में वन में भटकते-भटकते गिर पड़े, तब भगवान स्वयं उनके सामने प्रकट हुए. भगवान ने उन्हें बताया कि डोरे का अपमान ही उनके दुखों का कारण है. फिर उन्होंने आदेश दिया कि वे 14 वर्षों तक इस व्रत को विधिपूर्वक करें. इसके बाद कौण्डिन्य ऋषि के सारे कष्ट दूर हो गए और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई.

यही कारण है कि आज भी अनंत चतुर्दशी पर व्रत और पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. भक्तजन इस दिन अनंत भगवान की पूजा कर डोरा बांधते हैं और पूरे विधि-विधान से उपवास रखते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और सुख, समृद्धि तथा शांति का आशीर्वाद मिलता है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.