एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन गैटविक फ्लाइट संख्या AI171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई.
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कितनी मौतें
विमान में 242 लोग सवार थे. 2 पायलट, 10 क्रू मेंबर और 230 यात्री शामिल थे. लगभग सभी की मौत एक को छोड़ कर.
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संपर्क टूटा
दोपहर 1:39 बजे टेकऑफ के बाद पायलट ने मेडे कॉल किया, लेकिन इसके बाद संपर्क टूट गया.
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क्या फ्लाइट से सफर करना सुरक्षित है?
हां, विशेषज्ञों के अनुसार हवाई यात्रा आज के समय में सबसे सुरक्षित ट्रांसपोर्ट साधनों में से एक है. इसमें दुर्घटना की संभावना बेहद कम होती है.
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फ्लाइट एक्सिडेंट की संभावना कितनी होती है?
अध्ययनों के मुताबिक, किसी भी विमान दुर्घटना में मृत्यु की संभावना 13.7 मिलियन में 1 होती है, जो कि बेहद कम है.
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कौन सी सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है?
टाइम मैग्जीन और FAA डेटा के अनुसार विमान के पिछले हिस्से में बैठने वाले यात्रियों की मृत्यु दर सबसे कम होती है.
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क्यों आगे की सीटें ज्यादा खतरनाक होती हैं?
विमान के क्रैश होने पर आगे का हिस्सा अक्सर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, इसलिए यहां की सीटें अपेक्षाकृत कम सुरक्षित मानी जाती हैं.
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विंग के पास बैठना कितना फायदेमंद?
विंग के पास की सीटें स्टेबिलिटी के लिहाज से बेहतर होती हैं और ये आमतौर पर इमरजेंसी एग्जिट के पास होती हैं, जिससे जल्दी बाहर निकलना आसान होता है.
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विंग सीटों के खतरे भी हैं
हालांकि विंग के पास फ्यूल टैंक होता है, जिससे दुर्घटना की स्थिति में आग का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग से पहले फ्यूल रिलीज कर दिया जाता है.
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मिडिल सीट कितनी सेफ होती है?
मध्य सीटें कई बार ज्यादा सुरक्षित हो सकती हैं क्योंकि दोनों ओर बैठे यात्री किसी टक्कर के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं.
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विंडो सीट में खतरे क्या हैं?
विंडो सीट से बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर आपात स्थिति में फंसे हों. ऐसे में यह कम सुरक्षित मानी जाती है.
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Aisle सीट: बाहर निकलने में आसान, लेकिन...?
गलियारे वाली सीट से बाहर निकलना आसान होता है, लेकिन ये अन्य यात्रियों या सामान से टकराव का खतरा भी बढ़ा देती हैं.