शहरी क्षेत्रों में जलजनित बीमारियां अक्सर गलतफहमियों का शिकार होती हैं. डॉ. एपी सिंह, यशोदा मेडिसिटी ने इन मिथकों को तोड़ा और तथ्य साझा किए. आइए जानें सच.
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आरओ पानी ही काफी है
मिथक: जलजनित रोगों से बचने के लिए सिर्फ़ आरओ पानी पीना काफी है.
तथ्य: आरओ पानी दूषित पदार्थों को कम करता है, लेकिन स्वच्छता और हाथ धोना भी ज़रूरी है.
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स्वच्छता के बिना अधूरी है सुरक्षा
टाइफाइड, हैजा, और हेपेटाइटिस जैसी जलजनित बीमारियों से बचने के लिए उचित स्वच्छता और हाथों की सफ़ाई अनिवार्य है. सिर्फ़ फ़िल्टर पानी पर निर्भर न रहें.
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वायरस सिर्फ़ दूषित पानी से फैलते हैं?
मिथक: जलजनित वायरस केवल दूषित पेयजल से फैलते हैं.
तथ्य: ये वायरस दूषित सतहों, जल निकायों में तैरने, या बूंदों से भी फैल सकते हैं.
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केवल गरीबों को खतरा
मिथक: ये बीमारियां केवल गरीबों को प्रभावित करती हैं.
तथ्य: कोई भी, चाहे अमीर हो या गरीब, असुरक्षित पानी या खराब स्वच्छता से प्रभावित हो सकता है.
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क्या पानी उबालना पूरी तरह सुरक्षित है?
मिथक: पानी उबालने से सभी जलजनित बीमारियां रुक जाती हैं.
तथ्य: उबालने से रोगाणु मरते हैं, लेकिन भारी धातुएं और रासायनिक संदूषक बने रहते हैं.
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पूरी सुरक्षा के लिए क्या करें?
रासायनिक संदूषकों से बचने के लिए उबालने के साथ-साथ अतिरिक्त फ़िल्टरेशन ज़रूरी है. साफ़ पानी का भंडारण भी महत्वपूर्ण है.