सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई शुरू
आज सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. यह मामला अल्पसंख्यकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की जटिल बहस को जन्म दे रहा है.
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विपक्षी पार्टियों ने जताई आपत्ति
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, डीएमके और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) सहित कई दलों ने कानून को संविधान विरोधी बताते हुए कोर्ट का रुख किया है. उनका कहना है कि इसका दुरुपयोग हो रहा है.
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केंद्र सरकार ने पेश किया 1332 पन्नों का जवाब
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए वक्फ कानून को वैध और ज़रूरी बताया है. सरकार ने कहा कि यह कानून धार्मिक भावनाओं से नहीं टकराता और मुस्लिम समुदाय की आस्था का सम्मान करता है.
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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने लगाई थी कुछ कार्यवाहियों पर रोक
17 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने और नई नियुक्तियों पर अंतरिम रोक लगाई थी. कोर्ट ने केंद्र से विस्तृत जवाब मांगते हुए याचिकाकर्ताओं को टिप्पणी का मौका भी दिया था.
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AIMPLB ने सरकार के आंकड़ों पर उठाए सवाल
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सरकार के दिए आंकड़ों को भ्रामक बताया और हलफनामा दाखिल करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
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सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच कर रही सुनवाई
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच जिसमें जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल हैं, इस बेहद संवेदनशील मामले की सुनवाई कर रही है.
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क्या होगा फैसले का परिणाम?
यह मामला सिर्फ एक कानून की वैधता नहीं, बल्कि संविधान, धर्म और अल्पसंख्यक अधिकारों के बीच संतुलन का बड़ा सवाल बन चुका है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाले समय की दिशा तय कर सकता है.