इस्लाम धर्म में आब-ए-ज़मज़म का चश्मा क्यों है इतना खास?
20 मीटर की दूरी पर है
यह चश्मा मक्का के मस्जिद-अल-हरम में मौजूद है जो कि काबा खाना से करीब 20 मीटर की दूरी पर है. इस्लाम धर्म में जमजम के कुएं को अल्लाह का प्यारा तोहफा माना जाता है.
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जमजम के कुआं
हजारों साल पुराना यह जमजम के कुआं जिसका पानी आज तक नहीं सूखा है, न खराब हुआ है और नहीं कम हुआ है.
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हज और उमराह पर जाने वाले सभी लोग इस कुएं से पानी जरूर लाते है क्योंकि कहा जाता है कि ये बहुत चमत्कारी है.
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हज़रत इब्राहिम को अल्लाह का हुक्म मिला
ऐसा कहा जाता हैं कि बहुत साल पहले हज़रत इब्राहिम को अल्लाह ने उनकी बीवी हजरत हाजिरा और बेटे हजरत इस्माइल को मक्का की खाड़ी में छोड़ने का हुक्म दिया था.
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बीवी और बच्चे को वहां छोड़ा
हज़रत इब्राहिम ने अल्लाह के इस हुक्म का पालन करते हुए अपनी बीवी और बच्चे को वहां कुछ खजूर और पानी के साथ छोड़ दिया.
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आबादी बसना शुरू हुई
इस्लाम धर्म में ऐसा माना जाता हैं कि आब-ए-ज़मज़म का चश्मा बनने के बाद यहां पर आबादी बसना शुरू हुई.
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कुरान में भी जिक्र
आपको बता दें कि इस आब-ए-ज़मज़म के चश्में के बारे में कुरान में भी जिक्र है.
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अल्लाह का तोहफा
इस्लाम धर्म में इसको काफी महत्व दिया गया है और इसको अल्लाह के तोहफे के रूप में देखा जाता है.
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